Coronavirus Alert in Aligarh : बच्चों को भाया PM Modi का संदेश, घर पर रहेंगे मगर दूर-दूर तक फैलाएंगे जागरूकता
किसी भी विषम परिस्थिति में बच्चे ज्यादा टेंशन नहीं लेते व हर स्थिति में कुछ नया व क्रिएटिव कर समस्या को दूर करने का रास्ता भी खोज देते हैं। ऐसे ही इस समय देश व दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है।
अलीगढ़, जेएनएन। किसी भी विषम परिस्थिति में बच्चे ज्यादा टेंशन नहीं लेते व हर स्थिति में कुछ नया व क्रिएटिव कर समस्या को दूर करने का रास्ता भी खोज देते हैं। ऐसे ही इस समय देश व दुनिया में कोरोना वायरस के संक्रमण की दूसरी लहर तेजी से फैल रही है। पीएम मोदी का संदेश बच्चों को खूब भाया। ऐसे में एक बार फिर बच्चों ने अपने कंधों पर इस समस्या से निजात दिलाने का तो नहीं बल्कि इससे बचने के प्रति लोगों काे जागरूक करने का बीड़ा उठाने की ठान ली है। हालांकि कोरोना वायरस के संक्रमण के बढ़ते प्रकाेप के चलते बच्चे घर से बाहर कहीं नहीं जाएंगे, घर पर रहकर ही जागरूकता की अलख जगाएंगे।
बच्चोंं की हो रही ऑनलाइन पढ़ाई
बेसिक शिक्षा परिषद के कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का अवकाश घोषित किया जा चुका है। अब बच्चे घर पर ही बैठे हैं। शिक्षक-शिक्षिकाओं को इन बच्चों को आनलाइन माध्यम से पढ़ाई के साथ प्रतियोगिताएं कराने में भी लगाना है। पहले प्रतियोगिताओं के माध्यम से इनके अंदर आनलाइन शिक्षा की रुचि पैदा की जाएगी। फिर पढ़ाई के लिए कदम बढ़ाया जाएगा। ऐसे में आनलाइन शिक्षा से जुड़ने वाले बच्चों को आनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता से जोड़ा जाएगा। इसमें बच्चे कोरोना वायरस से बचाव व शारीरिक दूरी के पालन और कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करते हुए संदेश देती हुई पेंटिंग तैयार करेंगे। अभी अफसरों की ओर से पहल की जा रही है कि ब्लाकस्तर पर बच्चों के बीच प्रतियोगिता का आयोजन आनलाइन कराया जाए। इससे हर ब्लाक में ज्यादा से ज्यादा बच्चे आनलाइन माध्यम से जुड़ना भी पसंद करेंगे। शानदार जागरूकता संदेश बनाने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल खुलने पर सम्मानित भी किया जाएगा। बच्चों को चित्रकारी के लिए विषय उनके शिक्षकों की ओर से दिया जाएगा। विषय के अनुरूप ही कक्षाओं का निर्धारण होगा। एक से तीन, चार से छह व सात से आठवीं तक के बच्चों के बीच प्रतियोगिता कराने पर विचार किया जा रहा है। इससे विद्यार्थयों को आनलाइन पढ़ाई में जोड़ने में भी मदद मिलेगी।
ऑनलाइन प्रतियोगिता पर विचार
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने बताया कि, बेसिक शिक्षा के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के जागरूकता संदेशों से लोगों को भी जागरूक करने में मदद मिलेगी। बच्चे जब घर पर ऐसी गतिविधियों में शामिल होंगे तो उनके अभिभावक भी इस संबंध में जागरूक होंगे। इससे धीरे-धीरे बड़े लक्ष्य की ओर बढा जा सकता है। आनलाइन प्रतियोगिता कराने के संबंध में विचार किया जा रहा है।