Coronavirus से अलीगढ़ के कारोबारी प्रभावित : टैक्स को लेकर कारोबारी टेंशन में, जानिए क्यों
कोरोना संक्रमण के मामले नित-रोज नए रिकार्ड बना रहे हैं। बुधवार को 320 लोगों के संक्रमित होने की रिपोर्ट आई है। कारोबारियों की प्रतिष्ठान का काम संभालने वाले कर्मचारी कम आ रहे हैं। एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत हो चुकी है।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के मामले नित-रोज नए रिकार्ड बना रहे हैं। बुधवार को 320 लोगों के संक्रमित होने की रिपोर्ट आई है। कारोबारियों की प्रतिष्ठान का काम संभालने वाले कर्मचारी कम आ रहे हैं। एक अप्रैल से नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत हो चुकी है। जीएसटी के रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि में मात्र तीन रोज ही बचे हैं। इसके बाद जुर्माना देना होगा। टैक्स की अदायगी को लेकर भी कारोबारी टैंशन में हैं। वैट के लंबित मामलों के निपटारे की 31 जून अंतिम तिथि है। आयकर विभाग को लेकर भी व्यापारियों में तनाव है।
कोरोना संकट के चलते गड़बड़ाई अर्थव्यवस्था
प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम वैट के केसों का निस्तारण की तिथि 31 मार्च की जगह 30 जून कर दी है। इससे करदाताओं को राहत तो मिली, मगर कोरोना संकट के चलते उद्यमी अबतक इसका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। कर अदायगी संबंधी तमाम झंझावत हैं। सीए व अकाउंटेंट बैठ नहीं रहे। वह कारोबारियों से मिलने में भी कतरा रहे हैं। अलीगढ़ इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सीए अवन कुमार सिंह का कहना है कि मार्च माह में सरकार की ओर से छह तरह के टैक्स में लंबित चल रहे केसों के निपटाने के लिए ब्याज माफी योजना तीन मार्च से शुरू की है। अब यह तीन जून तक चलेगी। इसमें व्यापारी अपनी सुविधा के अनुसार टैक्स जमा कर, ब्याज व अर्थदंड दोनों से बच सकते हैं। इसके लिए वाणिज्यकर विभाग ने पोर्टल की भी व्यवस्था की है। पूर्व में 27 फरवरी से 31 अक्टूबर 2020 तक ब्याज माफी योजना लागू हुई थी। प्रदेश सरकार ने एक बार फिर से व्यापारियों को लाभ देने का मौका दिया है। ताकि कोरोना संकट के चलते गड़बड़ाई अर्थव्यवस्था को ताकत मिल सके। वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर विनय अस्थाना ने बताया कि वैट के वित्तीय वर्ष 2017-18 का के मामलों को निपटारे के लिए मार्च में समय अविधि बढ़ाई थी। अफसर काम कर रहे हैं। सभी औपचारिकताएं आन लाइन हैं। घर बैठे उद्यमी इसका लाभ ले सकते हैं।
ये है योजना का लाभ
- दस लाख रुपये तक काम करने वाले व्यापारियों के लिए ब्याज माफी एवं अर्थदंड में सौ फीसद छूट ।
- 10 लाख से एक करोड़ रुपये तक व्यापारियों को ब्याज में 90 फीसद और अर्थदंड में सौ फीसद छूट
- बड़े कारोबारियों को आकर्षक छूट, स्थानीय स्तर पर हेल्पडेस्क, आवेदन केवल विभागीय पोर्टल पर
सृजित मांग पर ब्याज माफी योजना
31 दिसंबर 2020 उत्तर प्रदेश व्यापार कर अधिनयम (1948), केंद्रीय बिक्री कर अधिनियम (1956), उत्तर प्रदेश आमोद एवं पणकर अधिनियम (1979), उत्तर प्रदेश प्रवेश कर अधिनियम (2007), उत्तर प्रदेश मूल्य संवर्धित कर अधिनियम वैट (2008), उत्तर प्रदेश केबिल टेलीविजन नेटवर्क प्रदर्शन नियामावली (1997) में निर्धारित समस्त आदेशों से सृजित मांग पर ब्याज माफी योजना 2021 लागू है।
सरकार ने वैट के लंबित केसों के निस्तारण के लिए बड़ी योजना लागू संचालित की है। कोरोना संकट के चलते व्यापारी, कर अधिवक्ता व सीए इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। सरकार जीएसटी के रिटर्न दाखिल करने की अनिवार्यता समाप्त कर बिना जुर्माने के टैक्स व जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की दिसंबर तक डेट बढ़ाए। ताकि कर दाता को ब्याज व अर्थदंड से छूट मिल सके।
- मुकेश शर्मा, कर अधिवक्ता