कोरोना की चाल हुई तेज तो आनलाइन पढ़ाई की चाल हुई सुस्त, विद्यार्थियों की रूचि घटी
जिले में 94 एडेड 35 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन विद्यालय हैं। केवल कक्षा नौवीं से 12वीं तक में ही डेढ़ से पौने दो लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। आनलाइन कक्षाओं की जरूरत भी खासतौर से इन्हीं विद्यार्थियों को ज्यादा है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण भले ही तेजी से पैर पसार रहा हाे लेकिन माध्यमिक विद्यालयों में आनलाइन पढ़ाई की चाल काफी सुस्त है। कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते माध्यमिक विद्यालयों में 30 जनवरी तक अवकाश रखा गया है। इस दौरान आनलाइन पढ़ाई ही कराई जानी है। मगर इस पद्धति से पढ़ने व जुड़ने में 15 से 20 फीसद विद्यार्थी ही रुचि दिखा रहे हैं।
जिले में करीब 625 वित्तविहीन विद्यालय
जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन विद्यालय हैं। केवल कक्षा नौवीं से 12वीं तक में ही डेढ़ से पौने दो लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। आनलाइन कक्षाओं की जरूरत भी खासतौर से इन्हीं विद्यार्थियों को ज्यादा है। मगर कोरोना की तीसरी लहर में लगभग 15 से 20 फीसद विद्यार्थी ही आनलाइन पढ़ाई से जुड़े रहे हैं। विद्यार्थियों को जोड़ने के लिए शिक्षक व प्रधानाचार्य फोन काल के जरिए भी संपर्क कर रहे हैं। आनलाइन माध्यम से कम छात्र जुड़ने के पीछे कुछ प्रधानाचार्य भीषण ठंड को कारण मांन रहे हैं। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि हर विद्यालय से आनलाइन शिक्षण की साप्ताहिक रिपोर्ट मांगी जा रही है। इसके आधार पर ही पता चलेगा कि कितने विद्यार्थी जुड़ रहे हैं। कहा कि ठंड व वायरल इंफेक्शन के चलते भी कई विद्यार्थी अवकाश कर रहे हैं। प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी विद्यार्थियों को आनलाइन माध्यम से तैयारी कराई जाए।
बेसिक के शिक्षकों ने उठाई वर्क फ्राम होम की मांग
अलीगढ़ । कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वर्कफ्राम होम की मांग अफसरों के सामने उठाई है। इस संबंध में उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बीएसए को पत्र भी लिखा है। पदाधिकारियों का कहना है कि जब स्कूलों में अवकाश है कि शिक्षकों पर विद्यालय आने की बाध्यता न रखी जाए।
ई पाठशाला के जरिए पढ़ाई कराने का आदेश
शासन की ओर से विद्यार्थियों को ई-पाठशाला के जरिए पढ़ाई कराने के आदेश जारी किए गए हैं। इसके जरिए विद्यार्थी घर पर ही रहकर पढ़ाई करेंगे। इसलिए शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष डा. प्रशांत कुमार शर्मा ने मांग उठाई कि जो शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंचें उनको गैरहाजिर न माना जाए। जिन शिक्षकों की ड्यूटी वैक्सीनेशन या चुनावी कार्य में है उनके अलावा अगर कोई शिक्षक विद्यालय नहीं आए तो उसको वर्कफ्राम होम मानकर उपस्थित माना जाए। कहा कि भीषण ठंड व कोरोना संक्रमण के चलते कई शिक्षक बीमार हैं, ऐसे में उनको अनावश्यक रूप से विद्यालय बुलाए जाने से बचना चाहिए। बताया कि मंगलवार को बीएसए सतेंद्र कुमार ढाका को इस संबंध में पत्र भी भेजा गया है।