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टीका लगवाकर फिर काम पर डट गए कोरोना योद्धा Aligarh News

कोरोना के खिलाफ जंग में हम निर्णायक मोड़ पर आ गए हैं। इसमें उन कोरोना योद्धाअों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। जिन्होंने अपना जीवन की परवाह न करते हुए मरीजों की जांच इलाज व अन्य सुविधाओं के लिए दिनरात एक कर दिया।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 11:33 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 11:33 AM (IST)
टीका लगवाकर फिर काम पर डट गए कोरोना योद्धा Aligarh News
कोरोना के खिलाफ जंग में हम निर्णायक मोड़ पर आ गए हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना के खिलाफ जंग में हम निर्णायक मोड़ पर आ गए हैं। इसमें उन कोरोना योद्धाअों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। जिन्होंने अपना जीवन की परवाह न करते हुए मरीजों की जांच, इलाज व अन्य सुविधाअों के लिए दिनरात एक कर दिया। घर-परिवार से दूरी तक बनानी पड़ी। यही वजह है कि सरकार ने टीके पर सबसे पहला हक इनका ही माना। शनिवार को इन जाबांज योद्धाअों को ही टीका लगाया गया। हैरत की बात ये है कि टीका लगने के बाद ये योद्धा फिर काम पर डट गए। जिन कर्मचारियों के पास कोई काम नहीं था, वे टीकाकरण में ही सहयोग करने लगे। आइए, ऐसे ही योद्धाअों के बारे में जानें... 

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वैक्सीन लगवाने के बाद पहले की तरह ही ड्यूटी 

अशोक कुमार कई सालों से दीनदयाल अस्पताल में बतौर चौकीदार नियुक्त हैं। यह कोविड अस्पताल है। संक्रमित मरीजों का आना-जाना लगता रहता है, लेकिन अशोक कुमार ने अपनी जिम्मेदारी से कभी मुंह नहीं मोड़ा। शनिवार को भी सुबह आठ बजे से ड्यूटी शुरू कर दी। दोपहर में समय निकालकर वैक्सीन लगवाई। आधा घंटा निगरानी कक्ष में रहने के बाद फिर से हाथ में डंडा लेकर ड्यूटी शुरू कर दी। अशोक ने कहा कि चार बजे तक की ड्यूटी है, जो जिम्मेदारी मिली है, उसे पूरा करना ही पड़ेगा।इसी अस्पताल में बतौर वार्ड ब्वाय कार्यरत राजकुमार भी सुबह से ही ड्यूटी पर थे। हर कक्ष में जाकर स्टाफ का सहयोग किया। सुबह वैक्सीन लगवाने के बाद पहले की तरह ही ड्यूटी में लग गए। काफी कर्मचारी वैक्सीन लगने के बाद घर चले गए, मगर राजकुमार व उनके जैसे कई कर्मचारी वैक्सीनेशन खत्म होने तक डटे रहे। राजकुमार ने कहा कि वैक्सीनेशन के कार्य में सहयोग करके गर्व महसूस हुआ।

वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं 

महिला अस्पताल में धोबी का कार्य करने वाले प्रताप सिंह रोजाना की तरह ड्यूटी पर आए। हालांकि, वैक्सीन के लिए उनके पास भी मैसेज पहुंचा था। इसलिए अस्पताल आकर सबसे पहले गंदी चादरें समेटी। पहले ही नौ लोगों में उनका नाम शामिल होने के कारण वैक्सीन लगवाई। इसके बाद फिर अपने काम में जुट गए। कहा, काफी अच्छी वैक्सीन है। कोई परेशानी नहीं हुई तो काम क्यों न करें। महिला अस्पताल में ही फार्मासिस्ट ब्रजेश कुमार भी नित्य की तरह ड्यूटी पर आए। वैक्सीन लगवाई और फिर ड्यूटी शुरू हो गई। उन्होंने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि हमें सबसे पहले वैक्सीन लगी। वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं किया।इसलिए ड्यूटी करने में कोई परेशानी नहीं।

अफसरों ने लगवाया टीका

दीनदयाल अस्पताल में सफाई कर्मचारी से लेकर एडी हेल्थ तक ने कोरोना का टीका लगवाया। दीनदयाल अस्पताल में एडी हेल्थ डा. बीके सिंह, सीएमएस डा.एबी सिंह व अन्य चिकित्साधिकारियों ने टीका लगवाया। सीएमओ का नाम जिला अस्पताल वाली सूची में होने के कारण टीका नहीं लग सका। महिला अस्पताल सीएमएस डा. रेनू शर्मा ने एलर्जी की समस्या के चलते टीका नहीं लगवाया।

अगले चरण तय नहीं

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना टीकाकरण का अगला सत्र सोमवार को प्रस्तावित किया था, मगर देररात तक शासन से इसके लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं मिल पाए। सीएमअो ने बताया कि यदि रविवार को भी आदेश मिल गए तो हम सोमवार को टीकाकरण करा सकते हैं। हमारी तरफ से पूरी तैयारी हैं। वहीं, जिन लोगों का शनिवार को टीकाकरण नहीं हो पाया है, अब उन्हें सबसे अंत में मापअप राउंड के दौरान टीका लगेगा।

टीका लगने के बाद उपहार बांटे

दीनदयाल अस्पताल में टीका लगने के बाद एसीएम द्वितीय रंजीत सिंह ने कोरोना योद्धाओं का चाकलेट बांटकर उत्साह बढ़ाया।

लापरवाही न बरतें

सीडीओ अनुनय झा ने कहा कि टीका लगने के बाद कोई लापरवाही न बरतें। दूसरी डोज लगने के दो हफ्ते तक पहली की तरह मास्क का प्रयोग, हाथों की सफाई व शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा। ये नहीं सोचना है कि वैक्सीन लग गई, आज से ही चिंता खत्म।


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