कोरोना ने घर बैठाकर तो डेंगू स्कूल बुलाकर अटका रहा विद्यार्थियों की पढ़ाई Aligarh news
अलीगढ़ जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में विद्यालयों को बंद कर दिया गया। दूसरी लहर इतनी खतरनाक थी कि आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से पढ़ाई पर रोक लगाई गई। इस तरह कोरोना संक्रमण ने विद्यार्थियों को घर बैठाकर पढ़ाई अटका दी थी।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण काल में विद्यालयों को बंद कर दिया गया। दूसरी लहर इतनी खतरनाक थी कि आनलाइन व आफलाइन दोनों माध्यम से पढ़ाई पर रोक लगाई गई। इस तरह कोरोना संक्रमण ने विद्यार्थियों को घर बैठाकर पढ़ाई अटका दी थी। अब विद्यार्थियों का विद्यालय आना शुरू हो गया है लेकिन विद्यालय आने के बाद भी विद्यार्थी की पढ़ाई अटकी रहेगी। अभी विद्यालयों में पूरी संख्या में छात्र-छात्राएं आना भी नहीं शुरू हुए हैं कि पढ़ाई बाधित होने की नींव रख गई है। यह नींव डेंगू व अन्य बुखार के कारण रखी गई है।
15 सितंबर तक के कार्यक्रमों का कैलेंडर जारी
माध्यमिक विद्यालयों के अलावा सीबीएसई व आइसीएसई बोर्ड के छात्र-छात्राओं को विद्यालय आने के बाद विभिन्न जागरुकता कार्यक्रमों में हिस्सा लेना होगा। क्विज प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, पेंटिंग, जागरूकता रैली, सफाई अभियान आदि गतिविधियों को करने का 15 सितंबर तक का कैलेंडर जारी किया गया है। अब अफसरों ने सभी बोर्डों के साथ उच्च शिक्षा के संस्थानों के विद्यार्थियों के लिए भी पत्र जारी कर दिया है। इसके तहत विद्यार्थी विद्यालय तो आएंगे मगर उनकी पढ़ाई विधिवत नहीं हो पाएगी। क्योंकि पढ़ाई से ज्यादा समय उनको इन गतिविधियों में लगाना पड़ेगा। कोरोना संक्रमण काल में पढ़ाई प्रभावित होने से समय से कोर्स पूरा करने की चुनौती शिक्षकों व विद्यार्थियों दोनों के सामने है। पढ़ाई के समय के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम भी विद्यालय आकर जागरूकता की पाठशाला लगाएगी। इसमें भी विद्यार्थियों को प्रतिभाग करना जरूरी होगा। इस तरह छात्र-छात्राओं की पढ़ाई का समय इन रोगों के प्रति जागरुकता फैलाने में ही निकल जाएगा। संचारी रोग के रोकथाम व इससे बचाव के उपायों के संबंध में अभिभावकों को बुलाकर शिक्षकों के साथ उनका संवाद भी कराया जाएगा। शिक्षक अभिभावकों को इन रोगों के बारे में भी बताएंगे और इनसे बचने के उपायों को भी बताएंगे।
इनका कहना है
डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि विद्यालयों में पढ़ाई को भी सुचारु रखा जाएगा। विद्यार्थियों की सहभागिता से संचारी रोगों की रोकथाम व इनसे बचाव का अभियान भी विद्यालयों में चलाया जाएगा। प्रधानाचार्यों से कहा गया है कि ऐसी व्यवस्था बनाएं जिससे अभियान भी चलता रहे और पढ़ाई भी प्रभावित न हो।