कोरोना सुकून से जीने से नहीं दे रहा और मच्छर चैन से रहने नहीं दे रहे Aligarh news
कोरोना महामारी में घरों पर बैठे लोगों को मच्छर चैन नहीं लेने दे रहे। बारिश के बाद मच्छरों का प्रकोप और बढ़ गया है। दिन तो शांति से बीत जाता है रात काटना मुश्किल हो रहा है। मच्छरों से बचने के लिए लोग कीटनाशक प्रयोग कर रहे हैं
अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना महामारी में घरों पर बैठे लोगों को मच्छर चैन नहीं लेने दे रहे। बारिश के बाद मच्छरों का प्रकोप और बढ़ गया है। दिन तो शांति से बीत जाता है, लेकिन रात काटना मुश्किल हो रहा है। मच्छरों के आतंक से बचने के लिए लोग अपने स्तर से कीटनाशक प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल पा रही। अगरबत्ती, स्प्रे भी इन पर बेअसर हैं। मच्छरों के बढ़ते प्रकोप को कम करने के लिए नगर निगम के इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।
नगर निगम भी बेपरवाह
नगर निगम भी मच्छरों को गंभीरता से नहीं ले रहे। लोग मच्छरों का दंश झेलने को मजबूर हैं। पहले नगर निगम के कर्मचारी गली-मोहल्लों में जाकर नालियोंगम का इन दिनों नाला सफाई और सैनिटाइजेशन पर जोर है। लेकिन, मच्छरों को लेकर कोई खास इंतजाम नहीं किए गए। मच्छर के लार्वा मारने के लिए नाले-नालियों में कीटनाशक का छिड़काव नहीं कराया गया। एक-दो वार्डों को छोड़कर बाकी वार्डों में फागिंग तक नहीं हो सकी। ऐसी शिकायतें आ रही हैं। अधि में डीडीटी का छिड़काव करते थे। इस दवा पर प्रतिबंधित लगने के बाद कीटनाशक मेलाथियान का उपयोग होने लगा। अप्रैल के शुरुआत में ही कुछ क्षेत्राें में फागिंग की गई थी। फिर कर्मचारी सैनिटाइजेशन ही करते नजर आए। 10 मई के बाद मौसम बिगड़ा, तीन दिन लगातार बारिश हुई। इससे मच्छरों का प्रकाेप और बढ़ गया। बावजूद इसके न फागिंग हुई, न ही दवा का छिड़काव कराया गया। ये स्थिति तब है, जब संचारी रोगों के खिलाफ अभियान चल रहा है।
गड्ढों में भी पनप रहे मच्छर
खुले नाले और गड्ढाें में मच्छर पनप रहे हैं। सड़क किनारे जगह-जगह कचरे के ढेर लगे रहते हैं। वहीं, पोखरों की सफाई न होना भी मच्छरों का प्रकोप बढ़ा रहा है। गर्मी की शुरुआत में निगम अधिकारियों ने पुख्ता तैयारी के दावे किए थे, लेकिन जमीन पर फिलहाल सब नदारद है।
इनका कहना है
फागिंग के लिए रोस्टर बना हुअ है। इसी के आधार पर फागिंग कराई जा रही है। संसाधनाें की कोई कमी नहीं है। सभी आठ स्वच्छता वार्डाें में फागिंग के लिए मशीनें उपलब्ध हैं। कंट्रोल रूम पर भी मशीनें रिजर्व रखी हुई हैं।
डा. शिवकुमार, नगर स्वास्थ्य अधिकारी