कोरोना संक्रमित मरीजों को नहीं मिलेगी एंबुलेंस Aligarh news
नई गाइडाइन के अनुसार एल-1 अस्पतालों से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को अब एंबुलेंस से घर नहीं छोड़ा जा रहा है। उन्हें अपने निजी वाहन का बंदोबस्त स्वयं करना पड़ रहा है।
अलीगढ़, [जेएनएन]। कोरोना मरीजों की नई डिस्चार्ज पाॅलिसी से भले ही अस्पताल तेजी से खाली हो रहे हो, मगर मरीजों के लिए थोड़ी परेशानी भी बढ़ गई है। नई गाइडाइन के अनुसार एल-1 अस्पतालों से डिस्चार्ज होने वाले मरीजों को अब एंबुलेंस से घर नहीं छोड़ा जा रहा है। उन्हें अपने निजी वाहन का बंदोबस्त स्वयं करना पड़ रहा है। संपन्न मरीजों के लिए तो इसमें कोई परेशानी नहीं, मगर गरीब तबके व देहात के मरीजों की परेशानी बढ़ गई है। होम क्वारंटाइन की सलाह देते हुए डिस्चार्ज किए गए तमाम मरीज ई-रिक्शा, आॅटो, प्राइवेट बस, ट्रैक्टर आदि की मदद से घर पहुंच रहे हैं, इससे दूसरे मरीजों को संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
एल-3 में गंभीर मरीजों का उपचार
कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज एल-1, एल-2 व एल-3 अस्पतालों में किया जा रहा है। एल-1 में लक्षण विहीन, एल-टू में लक्षण युक्त व एल-3 में गंभीर मरीजों का उपचार किया जा रहा है। अभी तक सभी मरीजों को सरकारी एंबुलेंस से ही अस्पताल लाने व स्वस्थ होने पर घर पहुंचाने कि जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग उठा रहा था। वर्तमान में 30-35 मरीज रोजाना भर्ती हो रहे हैं और इतने ही डिस्चार्ज हो रहे हैं। नई डिस्चार्ज पाॅलिसी से अब व्यवस्था बदल गई है। एल-1 अस्पताल (जीवन ज्योति, दीनदयाल अस्पताल ) में भर्ती मरीजों को 10वें दिन तक डिस्चार्ज किया जा रहा है। ऐसे मरीजों को घर पहुंचाने के लिए सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध नहीं कराई जा रही। उन्हें अपने वाहन से ही घर पहुंचना पड़ रहा है। संपन्न मरीज तो अपनी निजी वाहन से घर जा रहे हैं। गरीब मरीज वाहन न मिलने के कारण घंटों अस्पताल में पड़े रहते हैं। खासतौर से गरीब तबके के डिस्चार्ज तमाम मरीज पैदल ही अस्पताल से बाहर जाते दिख रहे हैं। यहां ई-रिक्शा व आॅटो लेकर घर जा रहे हैं। देहात के मरीज निजी बसों से घर पहुंच रहे हैं। इस दौरान वे किसी से बताने की स्थिति में नहीं होते कि वे 10 दिन पहले ही कोरोना संक्रमित थे। अब भी एहतियातन सात दिन होम क्वारंटाइन रहना है। सीएमअो डाॅ. भानुप्रताप कल्याणी ने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार ही एंबुलेंस उपलब्ध कराई जा रही है। एल-1 में वे मरीज भर्ती होते हैं, जिन्हें कोई समस्या नहीं होती। गर्भवती, बुजुर्ग व गंभीर मरीजों को सरकारी एंबुलेंस उपलब्ध कराई जा रही है।