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मेहंदी की रंगत पर कोरोना का साया Aligarh news

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वे पूरा ख्याल रख रही हैं। मेहंदी लगवाने के साथ आइ ब्रो भी सेट करवा रही हैं। हरियाली तीज आस्था उमंग सौंदर्य और प्रेम का उत्सव है।

By Parul RawatEdited By: Published: Wed, 22 Jul 2020 06:21 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 06:21 PM (IST)
मेहंदी की रंगत पर कोरोना का साया Aligarh news
मेहंदी की रंगत पर कोरोना का साया Aligarh news

अलीगढ़, [जेएनएन]। कोरोना संक्रमण के बीच हरियाली तीज मनाई जा रही है। बावजूद इसके महिलाओं में परंपरागत तरीके से सजने व संवरने की होड़ लगी हुई है। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए वे पूरा ख्याल रख रही हैं। मेहंदी लगवाने के साथ आइ ब्रो भी सेट करवा रही हैं। हरियाली तीज आस्था, उमंग, सौंदर्य और प्रेम का उत्सव है। भगवान शिव एवं माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला यह त्योहार श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। अविवाहित युवतियां मनोवांछित वर की प्राप्ति के लिए इस दिन व्रत रखकर माता पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन हरे वस्त्र, हरी चुनरी, हरा शृंगार, मेहंदी, झूला-झूलने की परंपरा है। इस त्योहार पर हाथों पर मेंहदी लगाना सुख-समद्धि का प्रतीक माना जाता है। माता पार्वती को शृंगार की सामग्री और भगवान शिव को बेल पत्र एवं पीला वस्‍त्र अर्पित किया जाता है।

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ये डिजाइन हैैं खास पसंद

हरियाली तीज पर सुहागिनों के शृंगार में मेहंदी महत्वपूर्ण होती है। आजकल मेहंदी में अरेबियन, ब्राइडल, बांबे कट, जयपुरी, गोल्डन सिल्वर, ब्लैक शामिल है। पूरे हाथ अलावा कलाई से ऊपर तक मेहंदी लगवाना भी पसंद करती हैं। इसमें कलश, शहनाई की डिजाइन के अलावा अंगुलियों में अंगूठी भी बनवाती हैं। मेहंदी लगाने वाले बनी सिंह का कहना है कि सुहागिनें अरेबियन व ब्राइडल अधिक पसंद करती हैं। ब्यूटी पार्लर संचालक निशा कोरोना संक्रमण को देखते हुए मेहंदी लगवाने में पूरी सावधानी बरती जा रही है। महिलाएं घर पर लगवाना पसंद कर रही हैं। दुकान पर लगवाने भी आ रही हैं।

हरियाली तीज ने दी छोटी सुहागनगरी को संजीवनी

लॉकडाउन के कारण छोटी सुहागनगरी हसायन में कांच की चूडिय़ों के कारोबार कई महीने बंद रहे मगर हरियाली तीज ने नई संजीवनी दी है। हरियाली तीज को देखते हुए हरी चूड़ी बनाने का काम दिन रात हो रहा है। इसके अलावा पीली व लाल रंग की चूडिय़ां भी बनाई जा रही हैं। मजदूर सलीम खां ने कहा कि लॉकडाउन के कारण काम बंद हो गया था। इससे रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया था। अब काम मिलने से राहत मिली है। मजदूर अक्की ने कहा कि पहले चू़डिय़ां बनवाने की मांग नहीं आ रही थी। अब मांग आने से यहां से यहां के कारीगरों को भी काम मिल गया है।


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