एएमयू में जलाईं कैब की प्रतियां, छात्रों ने लगाए हिंदुत्व मुर्दाबाद के नारे
कैब का विरोध सोमवार को एएमयू में देखा गया। छात्रों ने कैब की प्रतियां जलाईं। इस दौरान नारेबाजी भी की गई।
अलीगढ़, [जेएनएल]: लोकसभा में सोमवार को पेश हुए नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) का अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में विरोध शुरू हो गया है। सोमवार देर शाम छात्रों ने कैंपस में सभा की, जिसमें कैब को मुस्लिम विरोधी करार दिया गया। बाद में छात्रों ने कैब की प्रतियां फूंकीं और हिंदुत्व मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। इस मौके पर छात्रों ने कहा कि यह कानून संविधान के खिलाफ है। यह बाबा साहब डॉ आंबेडकर की सोच के खिलाफ है। गांधी, नेहरू, भगत सिंह, चन्द्रशेखर आज़ाद, राजगुरू, फूले, मौलाना आज़ाद, लाल बहादुर शास्त्री, सरदार पटेल की सोंच के खिलाफ है।
यूनिवर्सिटी के केनेडी हॉल के पास लॉन में जुटे छात्र-छात्राएं
बिल क विरोध में शाम चार बजे छात्रों ने केनेडी हॉल के पास लॉन में बैठक की। छात्र नेताओं ने कहा कि कैब उस वादे के खिलाफ है, जो 1947 में यह कहकर रोका गया था कि मत जाओ यह देश तुम्हारा है। उन मुसलमानों के साथ गद्दारी है, जिन्होंने 1857 के गदर से लेकर 1947 तक खून की होली खेली। ऐसा इस देश को बचाने की खातिर किया गया। आज उन्हीं मुसलमानों के नाम पर दोहरी नीति अपनाकर देश में नफरत फैलाई जा रही है। हैरानी की बात है कि जिस देश का गृहमंत्री मुसलमानों को छोड़कर सीधे तौर पर सबका नाम उस मंदिर (संसद) में ले रहा है, जहां भारत के नागरिकों की सुरक्षा व उन्नति के लिए कानून बनाया जाता है। यह कानून संविधान के खिलाफ है। बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु सुखदेव, मौलाना आजाद, लाल बहादुर शास्त्री, सरदार पटेल की सोच के खिलाफ है।
सरकार विरोधी नारे भी
सभा के बाद छात्रों ने लाइब्रेरी कैंटीन के पास कैब की प्रतियां जलाईं। सरकार विरोधी नारों के साथ हिंदुत्व मुर्दाबाद, एनआरसी मुर्दाबाद के नारे लगाए। छात्र एकता जिंदाबाद, तानाशाही नहीं चलेगी, एनआरसी बिल वापस लो की भी मांग की। छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने बताया कि बिल के जरिये भाजपा देश का बंटवारा करना चाहती है। गृहमंत्री मुस्लिम विरोधी हैं। एएमयू में इसलिए कैब की प्रतियां जलाईं गईं।