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16 दिन के बाद जिंदगी की जंग हार गया संविदाकर्मी Aligarh news

हरदुआगंज परियोजना में बायलर की राख से जले तीन संविदाकर्मियों में से दूसरा संविदाकर्मी भी सोलह दिन बाद मौत से लड़ते -लड़ते हार गया। मंगलवार को दोपहर बारह बजे प्राइवेट अस्पताल वरूण ट्रामा में इलाज के दौरान मौत हो गई।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Wed, 28 Jul 2021 08:46 AM (IST)Updated: Wed, 28 Jul 2021 09:04 AM (IST)
16 दिन के बाद जिंदगी की जंग हार गया संविदाकर्मी Aligarh news
संविदाकर्मी की मौत के बाद हंगामा कर रहे स्‍वजन से बातचीत करते पुलिस अधिकारी।

अलीगढ़, जेएनएन । हरदुआगंज परियोजना में बायलर की राख से जले तीन संविदाकर्मियों में से दूसरा संविदाकर्मी भी सोलह दिन बाद मौत से लड़ते -लड़ते हार गया। मंगलवार को दोपहर बारह बजे प्राइवेट अस्पताल वरूण ट्रामा में इलाज के दौरान मौत हो गई। मौत की खबर सुनकर परिजनों में हाहा कार मच गया। इधर परिजनों ने संविदाकार पर इलाज न करवाने का आरोप लगाया है। परिजनों ने शाम को शव को परियोजना के मुख्य गेट पर रख कर मुआवजे एवं नौकरी की मांग की। जानकारी मिलने पर पुलिस ने मौके पर जाकर परिजन एवं भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन परिजन नहीं मानें, हंगामा बढ़ता देख परियोजना के उच्च अधिकारी अधीक्षण अभियंता प्रेम धवन,सुनील गुप्ता,अधिशासी अभियंता विकास आनंद एवं राजू सिंह और मृतक के परिजन के बीच मुआवजे को लेकर बैठक हुई जिसमें पांच लाख रूपये का चेक, बाउचर के हिसाब से इलाज का खर्च,शव संस्कार के लिए पांच हजार रूपये, संविदा पर नौकरी एवं अधिकारियों की तरफ से सहयोग धनराशि मिलने पर परिजनों ने शव को गेट से हटाया।

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11 जुलाई की रात हुआ था हादसा

हरदुआगंज तापीय परियोजना के अदंर 11 जुलाई की रात सभी संवदिाकर्मी नाइट ड़यूटी कर रहें थे। अचानक करीब ग्यारह बजे ग्रेड़ फेल हो गया जिस कारण सात नंबर यूनिट चलते -चलते बंद हो गई। जिसे दोबारा से लाइट अप करते समय बायलर बैक मार गया बायलर की गर्म राख की चपेट में आने से तीन संविदाकर्मी प्रभा इंजीनियरिग वक्र्स के अड़ंर सात नंबर यूनिट की कनवेयर को चलाने का काम करते थे बुरी तरह से झुलस गए जिन्हें गम्भीर अवस्था में परियोजना चिकित्सालय लाया गया था वहां से उन्हें अलीगढ़ मेड़ीकल कालेेज में रेफर कर दिया गया था।

 

मुआवजे पर अड़े रहे स्‍वजन

अधिक गम्भीर हालत के चलते विशाल कुमार पुत्र सत्यप्रकाश निवासी नगौला का परिजन शुरू से ही वरूण ट्रामा में निजी खर्च पर इलाज करा रहें थे। परिजन के अनुसार संविदाकार एक दिन भी संविदा कर्मी को देखने के लिए नहीं आया और न ही आर्थिक तौर पर मदद की। जानकारी मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर भीड़ समझाने की कोशिश नहीं वह नहीं माने मुआवजे के लिए अड़ें रहें। इससे पहले भी संविदाकार की तरफ से इलाज में लापरवाही के चलते सचिन कुमार उर्फ पिन्टू पुत्र विजय सिंह एफसीआई काॅलोनी रामपुर की मौत मेड़ीकल कालेज में हो चुकी है।जिसे प्रबंधन की तरफ से पांच लाख का चेक मुआवजे के तौर पर दिया गया था। 

संविदाकार ने नहीं की मदद

परिजनों के अनुसार विशाल की तबीयत दिन -प्रतिदिन खराब होती जा रहीं थी। उन्होंने संविदाकार से कई बार इलाज के लिए पैसे की मांग की लेकिन उसने आज- कल कह कर टालता रहा। सोमवार की रात को विशाल कुमार की तबीयत बिगड़ी और मंगलवार की दोपहर बारह बजे प्राइवेट अस्पताल में अंतिम सांस ली। वहीं परिजनों ने शाम को परियोजना के मुख्य गेट के सामने शव को रख कर मुआवजे की मांग करते हुए नौकरी एवं इलाज में खर्च हुए पैसे की मांग की। विशाल अपने परिवार में एक भाई और दो बहन में सबसे बड़ा था । मृतक के परिजनों का रो -रोकर बुरा हाल है। संविदाकार छोटे लाल से इस संबध में बात करने की कोशिश की गई तो बात नहीं हो सकी।


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