सैन्य सम्मान के साथ हुआ कमांडो का अंतिम संस्कार Aligarh news
रविवार को अलीगढ़ के थाना टप्पल क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई सड़क दुर्घटना में क्षेत्र के गांव मोतीगढ़ी(कुरसंडा) के जवान(कमांडो) की मौत हो गई। सोमवार को गांव में कमांडो का पार्थिव शरीर आने पर अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ी।
हाथरस, जेएनएन। रविवार को अलीगढ़ के थाना टप्पल क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई सड़क दुर्घटना में क्षेत्र के गांव मोतीगढ़ी (कुरसंडा) के जवान (कमांडो) की मौत हो गई। सोमवार को गांव में कमांडो का पार्थिव शरीर आने पर अंतिम दर्शन के लिए भारी संख्या में भीड़ उमड़ी। गार्ड ऑफ ऑनर तथा पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद कमांडो का अंतिम संस्कार किया गया।
त्योहार के चलते घर आये थे भूपेंद्र
कुरसंडा के गांव मोतीगढी निवासी 28 वर्षीय भूपेंद्र सिंह पुत्र नेत्रपाल सिंह फिलहाल परिवार के साथ ट्रांसपोर्ट नगर स्थित विष्णु पुरी मथुरा में रहता है। इस समय वह आर्मी में कमांडो के पद पर गुरुग्राम (हरियाणा) में तैनात था। त्योहार के चलते हुए अपने घर आया था। यहां से वह अपने मित्र राहुल तोमर के गांव व ससुराल जाने को मित्र के साथ निकला था। दोनो मित्र स्विफ्ट डिजायर कार से यमुना एक्सप्रेस वे के रास्ते से जा रहे थे। किसी तरह से यमुना एक्सप्रेस वे के माइलस्टोन 53 (थाना टप्पल अलीगढ़ क्षेत्र) के निकट उनकी कार आगे जा रहे कंटेनर ट्रक में घुस गई। जिसके कारण दोनों मित्रों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की जानकारी परिवार के लोगों को होने पर दोनों ही परिवारों में कोहराम मच गया।
पार्थिव देह गांव आते ही मचा कोहराम
सोमवार को कमांडो का पार्थिव शरीर गांव मोतीगढी पहुंचा।जानकारी मिलने पर भारी संख्या में अंतिम दर्शनों के लिए भीड़ जुट गई। इधर मथुरा से कमांडो तथा आर्मी के जवान भी सैन्य सम्मान के लिए गांव पहुंच गए। जानकारी मिलने पर पूर्व विधायक प्रताप चौधरी भाजपा नेता चौ. रूपेंद्र सिंह नंबरदार,चौ.पृथ्वी सिंह व तमाम पूर्व फौजी आदि पहुंच गए। आर्मी के जवान व साथी कमांडो, कमांडो के शव को लेकर गांव पहुंचे। परिवार के लोगों में करूण क्रंदन मच गया। गांव में सभी की आंखें नम हो गई क्योंकि यह कमांडो पूरे गांव का लाडला था। मानेसर हरियाणा से कमांडो की टीम तथा मथुरा से आर्मी जवानों की टीम कमांडो को अंतिम सलामी देने के लिए गांव पहुंची। कमांडो तथा आर्मी टीम द्वारा अलग-अलग गार्ड ऑफ ऑनर देते हुए सलामी दी गई उसके उपरांत मातमी धुनों के बीच कमांडो का अंतिम संस्कार किया गया अंतिम संस्कार होते ही पूरा गांव फूट-फूटकर रो पड़ा। कुल मिलाकर पूरे गांव का माहौल मातम भरा हो गया।
छह वर्ष पहले हुई शादी,नही थी कोई औलाद
हाल ही में प्रमोशन होकर एनएसजी कमांडो बने भूपेंद्र की शादी 6 वर्ष पूर्व डींग (राजस्थान) से हुई थी, लेकिन अभी तक कोई संतान नहीं थी।
राखी के लिए बहिन करती रही इंतजार
मथुरा में कार्यरत अपने मित्र राहुल के साथ वह उसके गांव पिसावा क्षेत्र में जाकर, उसकी ससुराल नौहझील से लौटकर कमांडो को वापस अपने घर आना था। क्योंकि उसकी बहन तब तक ससुराल से आ नही पाईं। फोन पर कमांडो ने अपनी बहन से दो-तीन घंटे में लौट कर आने की बात कही थी। उसने बहनों से लौटकर आने पर राखी बांधने को कहा। उसकी दोनों बहन घर आ गई। बड़े भाई को राखी बांधी। छोटे भाई का इंतजार करती रही, लेकिन भाई नहीं आया।उसकी मौत की खबर हर जरूर आ गई।