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सीएम योगी का अलीगढ़ के अफसरों को 48 घंटे का अल्‍टीमेटम, योगी के फरमान पर हुआ अमल तो शहर को मिलेगी जाम से कुछ राहत

सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किस कदर लापरवाही होती है इसकी एक बड़ी नजीर अलीगढ़ में भी मौजूद है। यहां पर करोड़ों खर्च कर शहर के बाहर तैयार किए गए तीन प्राइवेट बस अड्डे सफेद हाथी बन गए हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 11:46 AM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 11:46 AM (IST)
सीएम योगी का अलीगढ़ के अफसरों को 48 घंटे का अल्‍टीमेटम, योगी के फरमान पर हुआ अमल तो शहर को मिलेगी जाम से कुछ राहत
करोड़ों खर्च कर शहर के बाहर तैयार किए गए तीन प्राइवेट बस अड्डे सफेद हाथी बन गए हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में किस कदर लापरवाही होती है, इसकी एक बड़ी नजीर अलीगढ़ में भी मौजूद है। यहां पर करोड़ों खर्च कर शहर के बाहर तैयार किए गए तीन प्राइवेट बस अड्डे सफेद हाथी बन गए हैं। अफसरों के निर्देशों के बाद भी इन अड्डों से बसें संचालित नहीं हो रही हैं। खुलेआम चौराहों-तिराहों से यह प्राइवेट बसें फर्राटा भर रही हैं। इस कारण जाम की स्‍थिति शहर में बनी रहती है। अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को वीडियो कांफ्रेसिंग में पुलिस-प्रशासनिक अफसरों को 48 घंटे के अंदर अवैध वाहन स्टैंड को खत्म करने के निर्देश दिए हैं।अब इस आदेश का जमीन कितना असर होता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा।

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ऐसे शहर से बाहर हुए थे बस अड्डे

सितंबर 2018 में मडराक के पास निकट प्राइवेट बसों की भीषण टक्कर हुई थी। इसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह ने प्राइवेट बसें शहर में न घुसने देने का फैसला लिया। कुछ दिनों बाद ही प्राइवेट बस अड्डे शहर से बाहर कर दिए। शहर में आने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई की गई। डीएम ने इन बसों के लिए शहर के बाहर ही तीन नए प्राइवेट बस अड्डे तैयार कराए। इनमें कमिश्नरी के सामने धौर्रामाफी, सिंधौली व खेरेश्वर मंदिर के निकट बस अड्डे बने हैं। तीन बस अड्डों के लिए डेढ़ हेक्टेयर के करीब जमीन दी गई। निर्माण की जिम्मेदारी एडीए व नगर निगम को दी गई।एडीए व नगर निगम के अफसरों ने इन पर दिन रात काम कराया। तीनों बस अड्डों पर टिन शेड के साथ ही इंटरलाकिंग, शौचालय, पानी एवं हैंडपंप की व्यवस्था कराई। करीब दो करोड़ से ज्यादा की धनराशि खर्च की गई। सांसद, डीएम व मंडलायुक्त ने इन अड्डों का लोकार्पण किया। इसके बाद कुछ दिनों तो बसों का संचालन ठीक हुआ, लेकिन फिर से प्राइवेट बसें अपने पुराने ढर्रें पर आ गई हैं।

तिराहे-चौराहें पर खड़ी हो रही हैं बसें

अब यह तीनों प्राइवेट बस अड्डे पूरे दिन सुनसान पड़े रहते हैं। तीनों ही रूटों की प्राइवेट बसें शहर के तिराहे-चौराहें से भरी जाती हैं।इससे लोगों को भी काफी दिक्कतें होती हैं। शहर के लोगों को पूरे दिन जाम में फंसा रहना पड़ता है। बीते दिनों शासन के निर्देश पर एडीएम सिटी राकेश पटेल बस अड्डों की स्थिति देखने के लिए शहर में भ्रमण पर निकले थे। इस दौरान इन्हें भी बसें सड़क पर खड़ी मिली थीं। इन्होंने तत्काल अफसरों को बस अड्डों से ही संचालन करने के निर्देश दिए, लेकिन अब भी पुराना हाल है।

तीन जगह बने थे बस अड्डे

खेरेश्वर मंदिर के पास वाजिदपुर नादा ग्राम में 16 बीघा जमीन में यह स्टेंड बना है। यहां से खुर्जा, खैर, आगरा, मथुरा व गभाना आदि रूटों के लिए बसों के संचालन प्रस्तावित किया गया था। दूसरा बस अड्डा कमिश्नरी के सामने गांव धौर्रामाफी की जमीन पर बना। यहां से अनूपशहर एवं अतरौली की ओर से आने वाली प्राइवेट बसें कराने का निर्णय था। तीसरा अड्डा पनैठी के पास सिंधौली वाले नाले के पास की तीन बीघा जमीन पर बना। यहां से एटा व पनैठी की ओर से आने वाली बसों का संचालन होना था।

सरकार की मंशा के अनुसार पुलिस सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करके कार्रवाई करेगी। इसके लिए योजना तैयार कर ली गई है। इसमें लोगों से भी सहयोग की अपील है। प्रमुख सड़कों पर बाधित करते हुए वाहनों को खड़ा न करें। इसका उल्लंघन करने पर सख्ती से कार्रवाई की जाएगी।


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