सीएम साहब, अलीगढ़ की पुलिस सुनती नहीं, छेड़छाड़ की शिकायत पर कार्रवाई न होने पर छात्रा ने खाया है जहर
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावों की सच्चाई आप अलीगढ़ में देख सकते हैं। सीएम के आदेश और निर्देशोंं कोई असर होता तो थाना पिसावा छात्रा को जहर खाने के लिए मजबूर न होना पड़ता। इस छात्रा की हालत गंभीर है।
अलीगढ़, जेएनएन। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे दावों की सच्चाई आप अलीगढ़ में देख सकते हैं। सीएम के आदेश और निर्देशोंं कोई असर होता तो थाना पिसावा छात्रा को जहर खाने के लिए मजबूर न होना पड़ता। इस छात्रा की हालत गंभीर है। नोएडा के अस्पताल में इलाज चल रहा है। इसने इसलिए शनिवार को जहर खाया, क्योंकि कुछ मनचले उसे परेशान कर रहे थे। शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। समझौते के लिए राजनीतिक लोगों के दबाव आ रहे थे। वह कार्रवाई न करे, इसके लिए छेड़छाड़ करने वाले लोग तरह -तरह की धमकी दे रहे थे। पिता व भाई की हत्या तक की धमकी दे डाली थी। एक महीने यह सब सहन करना कितना मुश्किल है, इसका अंदाजा आप लगा सकते हैं। इसी सब से परेशान होकर छात्रा को जहर के लिए मजबूर होना पड़ा। इसके बाद पुलिस हरकत में आई है। काश, पुलिस पहले ही जाग जाती तो यह हालत न होती।
यह था मामला
छेड़छाड़ की घटना करीब एक माह पुरानी है। पिसावा के एक गांव में रहने वाली कक्षा 11वीं की छात्रा स्कूल से लौट रही थी। तभी गांव के तीन लोगों ने कनपटी पर तमंचा लगाकर छेड़छाड़ की। आरोप है कि छात्रा को खींचने की प्रयास किया। साथ ही छात्रा के पिता व भाई को जान से मारने की धमकी दी। इसके डर से छात्रा के घरवालों को जानकारी नहीं दी। चार नवंबर को युवकों ने छात्रा का फोटो खींच कर इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया। फेसबुक पर अपलोड फोटो के साथ परिवारीजनों व गांव के 30-35 लोगों को टैग किया गया। जब स्वजन को जानकारी हुई तो पुलिस से शिकायत की। पीडि़त परिवार का आरोप है कि थाने पुलिस ने सुनवाई नहीं की। सात नवंबर को अज्ञात में आइटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन, छेड़छाड़ की धारा नहीं जोड़ी।
खैर विधायक के जरिये दवाब बनाया गया
आरोप है कि खैर विधायक अनूप वाल्मीकि के जरिये फैसले का दबाव बनाया गया। इससे परेशान छात्रा ने शनिवार को जहर खा लिया। इसे गंभीर हालत में परिजन उसे नोएडा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। विधायक का कहना है कि दो दिन पहले युवती के परिवार से किसी का फोन आया था। वह मदद की बात कह रहे थे। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि पूरी मदद करूंगा। बस मेरी इतनी ही फोन पर बात हुई है। मैंने किसी भी प्रकार का कोई दवाब नहीं बनाया। मैं युवती और उसके परिवार को जानता तक नहीं हूं। फिर भी मेरी विधानसभा क्षेत्र का मामला है, इसलिए मैैं युवती को देखने अस्पताल पहुंचा। पुलिस-प्रशासन से लेकर जो भी मदद होगी, वह करूंगा। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी। मेरे ऊपर आरोप जो लगाए जा रहे हैं, वो पूरी तरह से बेबुनियाद हैं।
आरोपित फरार, घरों पर दबिश
एसएसपी मुनिराज ने बताया कि युवती का फोटो फेसबुक पर वायरल किया गया था। इसमें पहले अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया गया। फिर तीन लोगों के नाम बताए गए। पुलिस ने तीनों को नामजद कर लिया है। तीनों के घर पर दबिश दी गई। आरोपित फरार हैं। स्वजन की ओर से जो भी आरोप लगाए गए हैं, उनकी जांच एसपी सिटी के माध्यम से कराई जा रही है। पीडि़ता अभी अस्पताल में है। उसके बयान के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।