चंद्रग्रहण में मंदिरों के पट रहे बंद, हरिनाम का जाप Aligarh News
मंगलवार चंद्रग्रहण को देखने के लिए लोगों के अंदर उत्सुकता तो रही मगर देररात होने के चलते बहुत कम लोग ही निहार सके। शाम 431 बजे सूतक लगने से मंदिरों के कपाट बंद हो गए।
अलीगढ़ (जेएनएन)। मंगलवार चंद्रग्रहण को देखने के लिए लोगों के अंदर उत्सुकता तो रही मगर देररात होने के चलते बहुत कम लोग ही निहार सके। शाम 4:31 बजे सूतक लगने से मंदिरों के कपाट बंद हो गए। गुरु पूर्णिमा उत्सव होने के चलते गुरु का पूजन भी थम गया। शाम को हरिनाम का सुमिरन शुरू हो गया, जो देररात तक चला। राहु और केतु के ग्रहण में चंद्रमा 2:58 मिनट तक रहे।
मंदिरों में बंद रहे कपाट
मंगलवार देररात 1:31 बजे चंद्रग्रहण शुरू हो जाएगा। यह भारतीय तिथि के अनुसार तड़के 4:30 बजे (17 जुलाई) तक रहा। ग्रहण से 12 घंटे पहले सूतक लग गया। 4:31 से तड़के 4:40 बजे सूतक रहा। सूतक लगने से पहले अचलताल स्थित गिलहराज मंदिर, वाष्र्णेय मंदिर, नौरंगाबाद स्थित नौ देवी मंदिर, अचलेश्वरधाम व खेरेश्वरधाम मंदिर के पट बंद हो गए। कुछ मंदिरों में हरिनाम का जाप शुरू हो गया। चंद्रमा को संकट से टालने के लिए जाप करने लगे। गर्भवती महिलाओं ने ग्रहण के समय विशेष ध्यान रखा है।
दो घंटे 58 मिनट तकलीफ में रहे चंद्रमा
ग्रहण के चलते चंद्रमा सबसे अधिक समय तक संकट में रहे। पौराणिक कथाओं के अनुसार समुद्र मंथन के समय राहु और केतु वेश बदलकर देवताओं के साथ अमृत पान करने के लिए देवताओं की पंक्ति में बैठ गए थे। इसे सूर्य और चंद्रमा ने देख लिया और उन्हें भगवान विष्णु को बता दिया। इससे कुपित होकर राहु और केतु सूर्य और चंद्रमा को ग्रषित करते हैं। मंगलवार को 2:58 मिनट तक राहु व केतु के ग्रहण में चंद्रमा रहे।