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बंद हुईं फूड प्रोसेसिंग यूनिटों को पीएमएफएमइ से मिल रहा सहारा Aligarh news

द हो चुकीं फूड प्रोसेसिंग यूनिटों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमइ) से सहारा मिल रहा है। जिला उद्यान विभाग इन्हें पुन स्थापित करने की कोशिश में जुटा है। योजना के तहत सरकार द्वारा दी जा रहीं सुविधाओं से विभागीय अधिकारी किसानों को अवगत करा रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 24 Aug 2021 09:50 AM (IST)Updated: Tue, 24 Aug 2021 12:28 PM (IST)
बंद हुईं फूड प्रोसेसिंग यूनिटों को पीएमएफएमइ से मिल रहा सहारा Aligarh news
बंद हो चुकीं फूड प्रोसेसिंग यूनिटों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से सहारा मिल रहा है।

अलीगढ़, जेएनएन।  बंद हो चुकीं फूड प्रोसेसिंग यूनिटों को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएमएफएमइ) से सहारा मिल रहा है। जिला उद्यान विभाग इन्हें पुन: स्थापित करने की कोशिश में जुटा है। योजना के तहत सरकार द्वारा दी जा रहीं सुविधाओं से विभागीय अधिकारी किसानों को अवगत करा रहे हैं।

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वाट़सएप ग्रुप पर किसानों को मिल रही सूचनाएं

किसानों के लिए बनाए गए वाट्सएप ग्रुप पर इस संबंध में सूचनाएं पोस्ट की जा रही हैं। किसान मित्रों की मदद से भी गांव-गांव इसका प्रचार किया हो रहा है। इस योजना के तहत अब तक 15 किसानों के आवेदन आ चुके हैं।

केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020 में इस योजना की शुरूआत की गई थी। योजना के तहत सरकार इन यूनिटों को 10 लाख रुपए तक का अनुदान दे रही है। वित्तीय वर्ष 2021- 22 के लिए अलीगढ़ को 30 यूनिटों का लक्ष्य मिला है। असंगठित क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग (खाद्य प्रसंस्करण) में कार्यरत सूक्ष्म उद्यम जैसे आम, लीची, आलू, टमाटर, साबूदाना, किन्नू भुजिया, पापड़, अचार, मोटे अनाज आधारित उत्पाद, मत्स्य, पाल्ट्री फार्म और पशुचारा के लिए भी लोग इस योजना में पात्र हैं।

बेरोजगार युवकों को भी मिलेगा रोजगार

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कोरोना काल में नौकरी छोड़कर बेरोजगार हुए युवकों को भी यूनिटों के शुरू होने से रोजागर मिलेगा। योजना के तहत रिसोर्स पर्सन भी नियुक्त किए जा रहे हैं, जाे व्यक्तिगत इकाइयों और समूहों को सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों की उन्नयन व स्थापना के लिए डीपीआर तैयार कराएंगे। यही नहीं, रिसोर्स पर्सन बैंक से ऋण दिलाने, खाद्य मानक व उद्योग की जानकारी भी देंगे। योजना के तहत मशरूम केयर यूनिट, शहद प्रोसेसिंग यूनिट, मधुमक्खी पालन में भी लाभ लिया जा सकता है। जो यूनिटें बंद हो गई हैं, या फिर बंदी के कगार पर हैं, उनका सर्वे कराकर यूनिटों को पुन: स्थापित कराने विभागीय टीमें सर्वे कर रही हैं। 15 यूनिटें चिह्नित कर किसानों को योजना का लाभ दिलाया जा रहा है। इनके आवेदन आ चुके हैं।


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