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अलीगढ़ में धर्म संसद में 22 व 23 जनवरी को गूंजेगी संतों की ललकार

अलीगढ़ जागरण संवाददाता। सनातन ङ्क्षहदू सेवा संस्थान की ओर से 22-23 जनवरी को रामलीला मैदान में होने वाली धर्म संसद में संतों की ललकार होगी। जिले में पहली बार इतना बड़ा आयोजन होने जा रहा है जिसमें देश के महान संत भाग लेंगे।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 10:09 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 10:42 AM (IST)
अलीगढ़ में धर्म संसद में 22 व 23 जनवरी को गूंजेगी संतों की ललकार
22-23 जनवरी को रामलीला मैदान में होने वाली धर्म संसद में संतों की ललकार होगी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। सनातन हिंदू सेवा संस्थान की ओर से 22-23 जनवरी को रामलीला मैदान में होने वाली धर्म संसद में संतों की ललकार होगी। जिले में पहली बार इतना बड़ा आयोजन होने जा रहा है, जिसमें देश के महान संत भाग लेंगे। धर्म संसद में 'वर्तमान राजनीति में संतों की भूमिका' विषय पर चर्चा होगी।

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अलीगढ़ में तैयारियां शुरू

हरिद्वार में धर्म संसद के बाद अब अलीगढ़ में तैयारी शुरू हो गई है। अलीगढ़ में होने वाली धर्म संसद में सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद सरस्वती व डा. अन्नपूर्णा भारती प्रमुख वक्ता होंगे। आयोजक डा. अन्नपूर्णा भारती का कहना है कि अयोध्या, काशी की भव्यता सभी देख रहे हैं। यह सभी को पता है कि ये दोनों धार्मिक स्थल क्यों भव्य दिख रहे हैं। अब मथुरा को भी भव्य स्वरूप देने की जरूरत है। संत राजनीति में आएंगे तो वो इन ङ्क्षबदुओं को मजबूती से उठा सकेंगे। जब-जब देश पर संकट आया तो संतों ने रक्षा की है। उन्होंने बताया कि 12 फरवरी को कुरुक्षेत्र में धर्म संसद का आयोजन किया जाएगा।

चुनौतियों पर बनेगी रणनीति

सनातन धर्म के लोगों को आने वाले दिनों में क्या-क्या चुनौतियां आ सकती हैं? उनसे कैसे निपटना है? क्या-क्या तैयारी करनी है? नई पीढ़ी को कैसे धर्म और संस्कृति से जोडऩा है। उन्हें मंदिरों में पूजन, आरती के लिए कैसे प्रेरित करना है? धर्म संसद में इन ङ्क्षबदुओं पर चर्चा होगी। डा. अन्नपूर्णा का दावा है कि धर्म संसद देश को नई दिशा देगी।

चल रही हैं तैयारियां

धर्मसंसद को लेकर कई दिन से तैयारियां चल रही हैं। अभी समय तय नहीं किया गया है, लेकिन अचल ताल स्थित रामलीला मैदान में इसका आयोजन किया जाना है। इसके लिए संतों से भी संपर्क किया जा रहा है। चुनाव निकट हैं। इसके चलते इस आयोजन को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं। हालांकि, जनवरी माह के दूसरे सप्ताह में आचार संहिता लागू होने की संभावना जताई जा रही है। एेसे में यह आयोजन हो सकेगा या नहीं, यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है।


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