मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना : हाथरस में सरकारी मंडप में एक दूजे के हुए 503 युवा जोड़े
जिला स्टेडियम की ओर सजे-धजे जोड़ों के साथ आ रही भीड़ और विशालकाय सजे-धजे शादी के मंडप में पूजा-अर्चना का सामान। माइक पर मंत्रोच्चारण करा रहे पंडित जी और गेट पर बज रही नफीरी को देख समझने में देर नहीं लगी कि यहां सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन है।
हाथरस, जागरण संवाददाता। मुरसान रोड पर स्थित जिला स्टेडियम की ओर सजे-धजे जोड़ों के साथ आ रही भीड़ और विशालकाय सजे-धजे शादी के मंडप में पूजा-अर्चना का सामान। माइक पर मंत्रोच्चारण करा रहे पंडित जी और गेट पर बज रही नफीरी को देख समझने में देर नहीं लगी कि यहां सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन है। यहां एक, दो नहीं बल्कि 503 युवा जोड़े सरकारी मंडप में शादी के बंधन में बंधने की तैयारी में थे।
सुबह दस बजे शुरू हुआ कार्यक्रम
मंच पर भाजपा सांसद राजवीर सिंह दिलेर, विधायक हरीशंकर माहौर और नगर पालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा और भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव आर्य की मौजूदगी में सरकार की उपलब्धियों का गुणगान किया जा रहा था। दूसरी ओर जिले की सभी सातों तहसीलों के अलग अलग ब्लाक बनाए गए जिसमें वर-वधू के जोडे़ सौहार्दपूर्ण माहौल में विधि विधान के साथ मंत्रोच्चारण के साथ शादी के बंधन में बंधने को आतुर दिख रहे थे। सुबह 10 बजे से करीब एक बजे चले सामूहिक विवाह कार्यक्रम को देख गरीब वह परिवार गद्गद थे जो यहां अपने बेटे और बेटी के साथ सरकारी नेग से विवाह रचाने आए थे।
विधिवत कराया शुभारंभ
भव्य पंडाल में सामूहिक विवाह कार्यक्रम का शुभारंभ सांसद राजवीर दिलेर, सदर विधायक हरीशंकर माहौर, जिलाध्यक्ष गौरव आर्य, नगर पालिका अध्यक्ष आशीष शर्मा, जिलाधिकारी रमेश रंजन तथा मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का विधिवत रूप से किया। हरचरन दास गर्ल्स इंटर कालेज एवं आरसी गर्ल्स इंटर कालेज चावड़ गेट की छात्राओं ने वंदना गीत एवं स्वागत गीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया। भाजपा नेताओं ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी समुदाय एवं धर्मो के रीति रिवाजों के अनुसार व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि पहले के समय में लड़कियों की शादी करना माता पिता के लिये एक बड़ी जिम्मेदारी का कार्य होता था। जिसके लिये गरीब परिवारों को कर्ज तक लेना पड़ता था। जिससे उनकी आर्थिक स्थति कमजोर हो जाती थी।
71 मुस्लिम जोड़ों की भी कराई शादी
जिलाधिकारी रमेश रंजन ने गरीबी रेखा के नीचे निवास करने वाले परिवार जिनकी वार्षिक आय दो लाख रूपये से कम है वे सभी लाभ लेने के लिए अनुमन्य हैं। उन्होंने बताया कि 569 जोड़ों का रजिस्ट्रेशन कराया गया। इनमें 503 शादियां हुई जिसमें 71 मुस्लिम जोड़े भी शामिल हैं। प्रत्येक जोड़े पर 51 हजार का व्यय आता है जिसमें संबंधित वधू पक्ष कन्या को 35 हजार की अनुदान राशि उनके स्वयं के बैंक खाते में अन्तरित की जाती है तथा 10 हजार में वधू पक्ष को विवाह के लिए सामग्री जैसे चांदी की पायल, बीछिया, डिनर सेट, कपड़े, कंबल के लिए तथा छह हजार हजार खान-पान, टैंट पंडाल की व्यवस्था पर व्यय होता है।
अन्य योजनाओं का भी दिया लाभ
विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं के तहत संत रविदास शिक्षा सहायता योजना के तहत श्रम विभाग द्वारा 300 छात्राओं को साइकिल, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत 15 सिलाई मशीन टूलकिट, कृषि योजना के तहत सात लाभार्थियों को रोटावेटर,सुपर सीडर का वितरण कर लाभांवित किया गया। संचालन डीके सिंह ने किया।
बिना लंच के लिए निकल गए वीआइपी
समारोह के बाद अतिथिगणों के लिए विकास भवन के मीटिंग हाल परिसर में भोज की व्यवस्था कराई गई थी। मगर सांसद और विधायक व अन्य नेता बिना भोज के ही सीधे गाड़ियों से निकल गए। लंच में कुछ और देरी होने की जानकारी मंच तक भी पहुंचा दी गई थी। वहीं सब्जी पूडी के पैकेट के ही तमाम वर-वधू और उनके परिजन निकल गए जबकि हर जोड़े से छह हजार पूरे काटे गए थे। विशाल पंडाल के अनुसार साउंड व्यवस्था भी बहुत माकूल नहीं दिखी।
ऐन वक्त पर मिली वर-वधुओं को सूचना
तीन दिन पहले तक सामूहिक विवाह कार्यक्रम ब्लाक स्तर पर कराए जाने थे। मगर तीन दिन पहले कार्यक्रम को ब्लाक स्तर पर कराने के बजाय जिला मुख्यालय पर कराने का निर्णय लिया गया था। सूचना ग्राम पंचायत सचिव और एडीओ पंचायत को दी गई कि वह वर-वधू को जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम की सूचना दे दें मगर उनको सूचनाएं ऐन वक्त यानी शनिवार की सुबह नौ बजे तक मिल सकी। इस कारण तमाम वर-वधू दोपहर डेढ़ बजे तक भी मंडप में आते दिखे।
कई दिन से जुटी थी अफसरों की टीम
कार्यक्रम के लिए मुख्य विकास अधिकारी साहित्य प्रकाश मिश्र के नेतृत्व में टीम जुटी थी जिनमें जिला विकास अधिकारी अवधेश सिंह यादव,डीसी एनआरएलएम अशोक कुमार, जिला पंचायत राज अधिकारी जीडी जैन,जिला कृषि अधिकारी आरके सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी शिव कुमार,जिला दिव्यांग एवं महिला सशक्तिकरण अधिकारी प्रतिभा पाल हैं।