अलीगढ़, जेएनएन। लॉकडाउन में साइबर अपराध के मामले तेजी से बढ़े हैं। इनमें नौकरी के नाम पर युवाओं को ठगने का सिलसिला चरम पर है। तमाम फर्जी कॉल सेंटर चलाए जा रहे हैं, जो फोन पर बातचीत के दौरान युवाओं को आसानी से झांसे में लेते हैं और लाखों की
धोखाधड़ी
का शिकार बना लिया जाता है। अलीगढ़ और हाथरस में इसी तरह के गैंग का पर्दाफाश हुआ है, लेकिन इनसे बचने के लिए युवाओं को जागरूक और सावधान होने की जरूरत है। दरअसल फर्जी कॉल सेंटर विभिन्न वेबसाइट से युवाओं का डाटा चुराते हैं। फिर इन्हें फोन पर ही लालच देते हैं। रजिस्ट्रेशन, प्रोसेसिंग फीस, ऑफर लेटर के नाम पर सीधे बैंक खाते में ऑनलाइन रुपये ट्रांसफर करा लेते हैं। अलीगढ़ पुलिस के ऐसी तमाम शिकायतें मिल रही हैं। एसपी सिटी अभिषेक ने कहा कि सतर्कता ही फ्रॉड कॉल से बचने का उपाय है। अनजान नंबर से आई कॉल की सत्यता परख लें। नौकरी के लिए आने वाली कॉल्स पर जल्दबाजी में रुपये ट्रांसफर करने जैसा कोई कदम ना उठाएं। शक होने पर फौरन पुलिस को सूचना दें।
युवाओं से बातचीत
काकू
सिंह, सांगवान सिटी का कहना है कि
इन दिनों बेरोजगारी बढ़ गई है। ऐसे में युवा इंटरनेट पर ज्यादा समय बिताते हैं, जहां हर पल पर
धोखाधड़ी
की संभावना है। किसी भी अनजान वेबसाइट पर डाटा शेयर नहीं करना चाहिए। नौकरी के लिए आने वाली फोन कॉल पर कई बार हमें शक होता है, फिर भी झांसे में आ जाते हैं। विवेक कुमार, राठी नगर का कहना है कि
डिजीटल
जमाने में ठगी की संभावना अधिक होती है। फर्जी कॉल सेंटर पर सामने वाला हमें नौकरी के लिए लालच देता है। जैसे ज्यादा सेलरी, दो दिन में एप्वाइंटमेंट आदि। इसे समझते हुए सावधान हो जाना चाहिए। कोई भी आधिकारिक कंपनी आपसे अतिरिक्त रुपये नहीं मांगती। कहीं भी रुपये ट्रांसफर करने से पहले जरूर सोच लें।