अलीगढ़: धौर्रा माफी में अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ दर्ज होगा मुकदमा
अलीगढ़ में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर रखा है। बिना दस्तावेज ही सरकारी जमीन पर फ्लैट बना लिए गए हैं। प्रशासन ने सभी निर्माणों को ध्वस्त कर दिया था। इस पर दोबारा कब्जा शुरू कर दिया। अब क्षेत्रीय लेखपाल की तरफ से थाने में तहरीर दे दी गई है।
जागरण संवददाता, अलीगढ़: धौर्रामाफी इलाके में सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे के लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। क्षेत्रीय लेखपाल की तरफ से दो कब्जेधारकों के खिलाफ क्वार्सी थाने में तहरीर दे दी गई है। दैनिक जागरण की खबर के बाद कोल तहसील की टीम जांच के लिए मौके पर पहुंची थी। इसमें कब्जे की पुष्टि हुई। इसके बाद अब विधिक कार्रवाई की जा रही है। कोल तहसील की टीम ने चार अप्रैल को धौर्रामाफी में जमीन कब्जा मुक्त अभियान चलाया था। अफसरों का दावा था कि यहां के एक गाटा नंबर में रकबा 1.826 हेक्टेयर भूमि उत्तर प्रदेश राज्य सरकार के नाम दर्ज है, लेकिन कुछ प्रापर्टी डीलरों ने इस पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। बिना दस्तावेज ही इस सरकारी जमीन पर फ्लैट बना लिए गए हैं। पूरे परिसर में थ्री बीएचके के सात फ्लैट अवैध रूप से बनाए गए हैं। तहसील की टीम ने इस सभी निर्माणों को ध्वस्त कर दिया। जिला स्तर से लेकर तहसील स्तर के कर्मचारी इस कार्रवाई में शामिल थे। इस जमीन की कीमत करीब 20 करोड़ आंकी गई थी। प्रशासन ने कार्रवाई के बाद जमीन को ऐसे ही छोड़ दिया, लेकिन कुछ लोगों ने इस पर कब्जा शुरू कर दिया था। ध्वस्त दीवारों को नए सिरे से खड़ा किया जा रहा है। बुधवार को भी यहां पर चार-पांच मजदूर काम कर रहे थे। इस पर गुरुवार के अंक में दैनिक जागरण ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद तहसीलदार कोल गजेंद्र पाल सिंह ने इस मामले का संज्ञान लिया। तत्काल उन्होंने क्षेत्रीय लेखपाल को मौके पर भेजा। इसमें अवैध कब्जे की पुष्टि हो गई। सामने आया कि कुछ लोगों द्वारा झूठे दस्तावेज तैयार करके इस जमीन को बेचा जा रहा है। अब क्षेत्रीय लेखपाल की तरफ से क्वार्सी थाने में तहरीर दे दी गई है। इसमें धौर्रामाफी निवासी राजवीर व लाड़ले खां पर जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है। कोल तहसीलदार डा. गजेंद्र पाल सिंह ने बताया कि थाने में तहरीर द दी गई है। संबंधित आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा। इसके साथ ही जमीन को भी कब्जा मुक्त कराया जाएगा।