कोरोना काल में हुए बंपर बैनामे, खैर तहसील ने बनाया रिकार्ड, ये है वजह Aligarh News
मंदी के बीच कोरोना काल में लोगों ने जिले में जमीन का बंपर निवेश किया है। तीन महीने तक निबंधन कार्यालय बंद रहने के बाद भी जिले में इस बार पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले ज्यादा कमाई हुई है। 2019-20 में जहां कुल 312 करोड़ की आय हुई थी।
अलीगढ़, जेएनएन। मंदी के बीच कोरोना काल में लोगों ने जिले में जमीन का बंपर निवेश किया है। तीन महीने तक निबंधन कार्यालय बंद रहने के बाद भी जिले में इस बार पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले ज्यादा कमाई हुई है। 2019-20 में जहां कुल 312 करोड़ की आय हुई थी। वहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 में यह आंकड़ा 321 करोड़ तक पहुंच गया है। इसमें खैर तहसील ने तो रिकार्ड तोड़ दिया है। यहां पहली बार लक्ष्य के मुकाबले शतप्रतिशत 56 करोड़ का राजस्व बैनामों से जमा हुआ है। जेवर एयरपोर्ट, डिफेंस कारिडोर व टीपी नगर की स्थापना के चलते खैर तहसील में बैनामों की संख्या बढ़ गई है।
तीन महीने का लाकडाउन
पिछले साल मार्च में कोरोना की शुरुआत हुई थी। इसके चलते केंद्र सरकार ने 24 मार्च को पूरे देश में लाकडाउन घोषित कर दिया। इससे सभी कामकाज बंद हो गए। अधिकतर सरकारी कामकाज भी बंद रहे। इसमें निबंधन कार्यालय भी शामिल थे। अप्रैल से लेकर जुलाई तक जिले के सभी निबंधन कार्यालयों में ताले लटके रहे। इसके बाद जुलाई से कार्यालय खुलने शुरू हुए। शुरुआत के दिनों में लोगों ने डरते-डरते घरों से निकलना शुरू किया। ऐसे में दो महीने तो महज 10 से 12 करोड़ का राजस्व ही आया।
अगस्त से पकड़ी रफ्तार : इसके बाद अगस्त से निबंधन कार्यालयों में बैनामों की संख्या ने रफ्तार पकड़ ली। अनलाक में काम काज पटरी पर आने पर लोगों ने और तेजी से बैनामे कराने शुरू कर दिए। इसका असर रहा कि अब वित्तीय वर्ष खत्म होते-होते पिछले साल के मुकाबले नौ करोड़ ज्यादा का राजस्व हाे गया है। वित्तीय वर्ष 2019-20 में जहां 403 करोड़ के मुकाबले 312 करोड़ का राजस्व आया था। वहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 489 करोड़ के मुकाबले 321 करोड़ का राजस्व आया है। भले ही इस वित्तीय वर्ष में लक्ष्य की पूर्ति नहीं हो पाई हो, लेकिन अफसर पिछले साल के मुकाबले ज्यादा राजस्व आने से संतुष्ट है। तीन महीने की बंदी के बाद भी इतना राजस्व आना बड़ी सफलता माना जा रहा है।
खैर की भरी झोली
जिले में कुल सात सब रजिस्टार आफिस हैं। इन सभी के लिए हर साल अलग-अलग लक्ष्य तय होता है। पिछले कई सालों से गभाना सब रजिस्ट्रार कार्यालय में सबसे अधिक लक्ष्य की पूर्ति होती थी, लेकिन इस बार खैर सब रजिस्ट्रार आफिस ने इस रिकार्ड को तोड़ दिया है। इस बार यहां पर 56 करोड़ का पूरा लक्ष्य हासिल कर लिया गया है।
जेवर एयरपोर्ट से बढ़ी मांग
जेवर एयरपोर्ट, डिफेंस कारिडोर की स्थापना होने के चलते खैर तहसील में अब जमीन की मांग बढ़ गई है। ज्यादातर लोग इसी क्षेत्र में जमीन का निवेश कर रहे हैं। इसी के चलते बैनामों की संख्या भी बढ़ गई है।
यह है वित्तीय वर्ष 2020-21 में बैनामों की स्थिति
उप निबंधक कार्यालय, लक्ष्य, कुल आय
अतरौली, 34, 22
इगलास, 26, 19
खैर, 56, 56
गभाना, 27, 20
सदर प्रथम, 160, 91
सदर द्वितीय, 101, 62
सदर तृतीय, 82, 49
नोट : लक्ष्य करोड़ रुपये में है।
कोरोना काल होने के बाद भी इस साल जिले में नौ करोड़ से ज्यादा का राजस्व जमा हुआ है। जबकि, तीन महीने पूरी तरह से कार्यालय बंद रहे थे। यह अलीगढ़ के लिए अच्छी स्थिति है। खैर तहसील में लक्ष्य के मुकाबले शतप्रतिशत राजस्व जमा हुआ है।
ज्ञानेंद्र कुमार, एआईजी स्टांप