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अलीगढ़ में ले आउट पास करने से पहले ही बिल्डर ने बेच दिए थे भूखंड

रॉयल होम्स कॉलोनी के फर्जीवाड़े में अब अनियमिताओं की परतें खुलने लगी हैं। एडीए ( अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ) की जांच में सामने आया है कि बिल्डर ने प्राधिकरण से ले आउट पास कराने से पहले ही भूखंडों की बिक्री कर दी हैं।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 13 Jan 2021 11:29 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jan 2021 12:50 PM (IST)
अलीगढ़ में ले आउट पास करने से पहले ही बिल्डर ने बेच दिए थे भूखंड
रॉयल होम्स कॉलोनी के फर्जीवाड़े में अब अनियमिताओं की परतें खुलने लगी हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। रॉयल होम्स कॉलोनी के फर्जीवाड़े में अब अनियमिताओं की परतें खुलने लगी हैं। एडीए ( अलीगढ़ विकास प्राधिकरण ) की जांच में सामने आया है कि बिल्डर ने प्राधिकरण से ले आउट पास कराने से पहले ही भूखंडों की बिक्री कर दी हैं। वहीं, तत्कालीन अभियंता ने आंख मूंदकर इन भूखंडों को बंधक बनाकर ले आउट पास कर दिया। ऐसे में बिल्डर व अभियंता की संयुक्त रूप से इसमें दोषी माना जा रहा है। जल्द ही इसकी जांच रिपोर्ट मंडलायुक्त को भेज दी जाएगी। 

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यह है नियम

 एडीए क्षेत्र में किसी भी कॉलोनी को विकसित करने से पहले बिल्डर को प्राधिकरण से ले आउट पास कराना होता है। इसके लिए वह तय धनराशि जमा कराता है। वाह्य विकास शुल्क व आंतरिक विकास शुल्क अलग से जमा करता है। अगर कोई बिल्डर आंतिरक विकास शुल्क जमा नहीं करात है तो प्राधिकरण उस कॉलोनी के कुछ भूखंडों को बंधक बना लेता है। इसके बाद जैसे-जैसे विकास कार्य होते जाते हैं, वैसे ही वह भूखंड मुक्त होते जाते हैं।

शिकायत पर जांच

 पिछले दिनों मंडलायुक्त के यहां रॉयल होम्स के स्थानीय लोगों ने एक शिकायत की थी। इसमें बताया था कि  बिल्डर ने 2012 में करीब 20 बीघा क्षेत्रफल की कॉलोनी के लिए ले आउट पास कराने को प्राधिकरण में आवेदन किया था। प्राधिकरण ने आंतरिक विकास शुल्क के नाम पर 78 लाख की धनराशि के नौ भूखंड बंधक रख लिए, लेकिन भूखंड निजी लोगों के कब्जे में थे। ऐसे में अब न तो यहां बिल्डर विकास कार्य करा रहा है और न ही प्राधिकरण कोई कार्रवाई कर रहा है। इस पर मंडलायुक्त ने जांच के निर्देश दिए। 

जांच हुई पूरी : अब यह जांच पूरी हो गई है। इसमें बिल्डर व ले आउट पास करने वाले तत्काल अभियंता की कमी उजागर हुई है। सामने आया है कि बिल्डर ने ले आउट कराने से पहले ही भूखंडों की बिक्री कर दी। यह पूरी तरह से नियमों के खिलाफ था। वहीं, तत्कालीन अभियंता ने भी दूसरे के नाम भूखंडों को बिना पड़ताल के बंधक लिया। इसके बाद गैर कानूनी तरीके से इनका प्राधिकरण से नक्शा भी पास कर दिया गया। अब इसकी पूरी रिपोर्ट एडीए से कमिश्नर के यहां भेजी जा रही है। एडीए के अधिशासी अभियंता डीएस भदौरिया ने बताया कि जांच पड़ताल पूरी हो गई है। जल्द ही इसे मंडलायुक्त के यहां भेजा जाएगा। वहां से जो दिशा निर्देश मिलेंगे, उस पर अमल किया जाएगा।


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