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अलीगढ़ में कीमतों से लोहा ले रहे बिल्डर, कारोबारी

कोरोना संकट से पस्त व्यापारी व उद्यमियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। कीमताें में तेजी के मामले में इन दिनों लोहा सोना जैसी कीमती धातु से होड़ लेते नजर आ रही है। लोहा पर 35 से 40 फीसद कीमतें बढ़ गई हैं।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 05 Jan 2021 10:59 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jan 2021 10:59 AM (IST)
अलीगढ़ में  कीमतों से लोहा ले रहे बिल्डर, कारोबारी
कोरोना संकट से पस्त व्यापारी व उद्यमियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संकट से पस्त व्यापारी व उद्यमियों की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। कीमताें में तेजी के मामले में इन दिनों लोहा सोना जैसी कीमती धातु से होड़ लेते नजर आ रही है। लोहा पर 35 से 40 फीसद कीमतें बढ़ गई हैं। सरिया पर हर रोज कीमतों के चढ़ने से बिल्डर भी परेशान हैं। ताला-हार्डवेयर में प्रयोग होने वाला रॉ मेटेरियल भी महंगा हो गया है। 

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सरिया के दाम बढ़े

रोनित एंड संस के मालिक अजय धनराज ने कहा कि लाॅकडाउन से पहले ब्रांडेड सरिया के भाव 39 से 40 रुपया प्रतिकिलो थे। लोकल सरिया के भाव 37 से 38 रुपया थे। दीपावली पर ब्रांडेड 40 से 41 रुपया हो गए। लोकल सरिया के रेट 38 से 39 रुपया हो गए। इस त्यौहार के बाद यानि नवंबर में सरिया पर चार रुपया प्रतिकिलाे तेज हो गई। नवंबर से अबतक 15 रुपया प्रतिकिलो की भारी तेजी हुई है। बाजार में सोमवार को ब्रांडेड सरिया 54 से 55 रुपया प्रतिकिलो तक बिकी। लोकल सरिया 53 से 54 रुपया रहा। 

एचआर सीट फस्ट सीट में लॉकडाउन में रेट 39 रुपया प्रतिकिलो थी। एचआर सीट 42 से 45 रुपया प्रतिकिलो बिकी। दिसंबर में सीआर सीट 63 से 65 रुपया प्रतिकिलो रही। एचआर के रेट आज 68 से 70 रुपया प्रतिकिलो बिकी है। एंगल में लॉकडाउन से पहले 37 से 38 रुपया प्रतिकिलो रहा था। आज 52 से 53 रुपया प्रतिकिलो बिकी। जंगला के रेट लॉकडाउन से पहले 42 से 45 रुपया प्रतिकिलो था, आज 62 से 65 रुपया प्रतिकिलो तक बिका। ऑर्डर काफी कम हो गए हैं। छोटे छोटे व्यापारियों के यहां माल सेल न होने से बड़े कारोबारियों का भुगतान रुक गया है। 

बारिश से ईंट भट्ठा मालिकों को नुकसान 

बारिश से ईंट भट्ठा कारोबारियों को बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। जिले की अतरौली, कोड़ियागंज, बिजौली, अकराबाद, इगलास, खैर, गभाना सहित अन्य क्षेत्र में ईंट भट्ठा की बारिश ने फुंकाई की तैयारियों को झटका लगा है। जहां ईंट थपाई चल रही हैं, उन गड्डों में पानी भर गया है। कच्ची ईंट को बारिश ने धोडाला है। भट्ठा कारोबारी जनक पाल सिंह ने कहा कि भट्ठा मालिकों को पांच से आठ लाख रुपया प्रति भट्ठा नुकसान हुआ है। कोरोना संकट के चलते पहले से ही ईंट कारोबार बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है।


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