लोकसभा चुनाव में सवर्ण प्रत्याशी उतार सकती है बसपा!
जागरण संवाददाता, अलीगढ़: गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा के उप चुनाव में सपा की शानदार जीत ने भावी गठब
जागरण संवाददाता, अलीगढ़:
गोरखपुर-फूलपुर लोकसभा के उप चुनाव में सपा की शानदार जीत ने भावी गठबंधन (सपा, बसपा व अन्य) को भविष्य में जीत की राह दिखा दी है। लिहाजा, अब चुनावी समीकरण तो बदलेंगे ही राजनैतिक दल सियासी रणनीति भी बदलेंगे। दलित-मुस्लिम गठजोड़ को मजबूत करने पर जोर दे रही बसपा अब टोटल सोशल इंजीनिय¨रग के फार्मूले पर चुनाव लड़ सकती है। अलीगढ़ लोकसभा सीट पर अब मुस्लिम की बजाय किसी सवर्ण पर भी दांव लगाया जा सकता है। कई सवर्ण नेता टिकट की जुगत भी लगा रहे हैं। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा की मुसीबत बढ़नी तय है।
मुस्लिम मतों की चिंता खत्म: सपा व बसपा के बीच हमेशा ही मुस्लिम मतों को लेकर घमासान रहा है। कांग्रेस भी पीछे नहीं रही। तीनों ही पार्टियां तरह-तरह से अपना मुस्लिम प्रेम प्रदर्शित करती रही हैं। एक-एक मुस्लिम मत को लेकर खींचतान होती है। पिछले चुनावों में मुस्लिम मतों का बंटवारा ही दोनों पार्टियों की हार का कारण रहा। मगर, जैसे-जैसे भावी गठबंधन की गांठ मजबूत होगी, वैसे-वैसे मुस्लिम मतों को लेकर दोनों दलों की बेफिक्री बढ़ती रहेगी। नगर निगम चुनाव में जीत के बाद बसपा का इस सीट पर दावा मजबूत होगा। अभी तक जहां बसपा में मुस्लिम प्रत्याशी को उतारने की सुगबुगाहट सुनाई दे रही थीं, अब रणनीति बदलती दिख रही है। दोनों दलों के पारंपरिक वोट बैंक के साथ भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए बसपा किसी सवर्ण को मैदान में उतार सकती है।
कई नेता मांग रहे टिकट: भावी गठबंधन की गांठ मजबूत होते ही कई सवर्ण नेताओं ने टिकट के लिए लामबंदी तेज कर दी है। बुलंदशहर के पूर्व विधायक (सर्वण) के साथ ही एक पूर्व मंत्री भी हाईकमान से टिकट मांग रहे हैं। चर्चा है पूर्व मंत्री किसी अपने को टिकट दिलाने की जुगत में भी हैं। सूत्रों की मानें तो पार्टी छोड़कर गए एक वरिष्ठ नेता भी अब पछता रहे हैं।
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यह हाईकमान के स्तर का मामला है। तमाम लोग टिकट मांग रहे हैं, जिनमें सवर्ण भी शामिल हैं। प्रत्याशी कौन होगा? यह हाईकमान तय करेगी।
- महेश चौधरी, जोन इंचार्ज अलीगढ़ मंडल