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भाजपा सांसद बोले, 2020 तक जेएन मेडिकल में नहीं रहेगा हिंदू डॉक्टर, ये लगाए आरोप

भाजपा सांसद व एएमयू कोर्ट सदस्य सतीश गौतम ने बुधवार को नए विवाद को हवा दे दी। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से मुस्लिम शब्द हटाया जाए।

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 08:26 PM (IST)Updated: Thu, 31 Jan 2019 09:08 AM (IST)
भाजपा सांसद बोले, 2020 तक जेएन मेडिकल में नहीं रहेगा हिंदू डॉक्टर, ये लगाए आरोप
भाजपा सांसद बोले, 2020 तक जेएन मेडिकल में नहीं रहेगा हिंदू डॉक्टर, ये लगाए आरोप

अलीगढ़ (जेएनएन)।  भाजपा सांसद व एएमयू कोर्ट सदस्य सतीश गौतम ने बुधवार को नए विवाद को हवा दे दी। उन्होंने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) से मुस्लिम शब्द हटाया जाए। विवि से जुड़े जेएन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों की चयन प्रक्रिया को भी कठघरे में खड़ा किया। कहा, 2020 तक यूनिवर्सिटी के जेएन मेडिकल कॉलेज में एक भी ङ्क्षहदू डॉक्टर नहीं रहेगा, क्योंकि ङ्क्षहदू डॉक्टरों की भर्ती ही नहीं की जा रही है।

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95 फीसद हैं मुस्लिम शिक्षक व छात्र

सांसद ने कहा कि एएमयू को लोग अलीगढ़ विश्वविद्यालय के नाम से अधिक जानते हैं। मुस्लिम शब्द हार्ड भी लगता है। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के सवाल पर बोले कि उसमें  हिंदू शब्द सॉफ्ट है। सांसद ने कहा कि एएमयू में 99 फीसद मुस्लिम शिक्षक व 95 फीसद मुस्लिम छात्र हैैं। वहीं, सेवानिवृत्ति के बादडॉक्टरों में 2020 तक जेएन मेडिकल कॉलेज में एक भी ङ्क्षहदू डॉक्टर नहीं रहेगा। केंद्र सरकार से मांग की कि चयन समिति में दो ङ्क्षहदू विशेषज्ञ जरूर शामिल किए जाएं, ताकि निष्पक्ष भर्ती हो सकें।

कांग्रेस की नीति से एससी को नहीं मिल रहा हक

कांग्रेस की नीति के चलते एएमयू में आरक्षण का मुददा कोर्ट में लंबित है। इस कारण अनुसूचित जाति-जनजाति व पिछड़े वर्ग को हक नहीं मिल रहा। एएमयू में बीएचयू की तरह होना चाहिए।

हर तीन महीने बाद हो एएमयू कोर्ट की बैठक

सांसद ने कहा कि कोर्ट की बैठक एक साल बाद होती है, इस कारण सदस्य सलाह भी नहीं दे पाते। यह बैठक तीन माह बाद होनी चाहिए, ताकि सभी सदस्य विकास को लेकर राय रख सकें।

सांसद के आरोप बेबुनियाद

एएमयू जनसंपर्क विभाग के मेंबर इंचार्ज प्रो. शाफे किदवई का कहना है कि आरोप बेबुनियाद हैं। संसद से पास एएमयू एक्ट के तहत ही सलेक्शन कमेटी होती है। राष्ट्रपति के नामित पांच विशेषज्ञों का पैनल होता है। पैनल में शामिल विशेषज्ञों से समय लेकर ही सलेक्शन कमेटी होती है, जिसमें एक नॉमिनी विशेषज्ञ के साथ तीन विषय विशेषज्ञ, कुलपति, सहकुलपति, चेयरमैन, डीन व प्रिंसिपल बैठते हैं। इसमें ङ्क्षहदू-मुस्लिम, सिख, ईसाई नहीं देखा जाता।

सांसद गोद लिए गांव का विकास तक नहीं कर पाए

एएमयू छात्रसंघ के अध्यक्ष सलमान इम्तियाज का कहना है कि सांसद को पता है कि उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट मिलने वाला नहीं है, इस कारण एएमयू को लेकर जहर उगल रहे हैं। शब्द सारे ही सॉफ्ट होते हैैं, बस उन्हें देखने का नजरिया आना चाहिए। सांसद गोद लिए गांव तक में विकास नहीं करा पाए हैैं। 


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