बस के सफर में रहें दोस्तों से सावधान, जहरखुरान बना रहे शिकारAligarh News
ह तो मात्र दो ही उदाहरण हैं। अगर आप रोडवेज बस में सफर कर रहे हैं तो आपको थोड़ा सा सावधान रहने की जरुरत है। आपकी सीट पर सहयात्री के रूप में बैठा हुआ शख्स जहरखुरान गिरोह का सदस्य हो सकता है।
अलीगढ़, जेएनएन। यह तो मात्र दो ही उदाहरण हैं। अगर आप रोडवेज बस में सफर कर रहे हैं तो आपको थोड़ा सा सावधान रहने की जरुरत है। आपकी सीट पर सहयात्री के रूप में बैठा हुआ शख्स जहरखुरान गिरोह का सदस्य हो सकता है। पहले वह आपसे बातचीत कर दोस्ती का नाटक करेगा, फिर आपको झांसे में लेकर कुछ खिलाने या पिलाने की कोशिश करेगा। अगर ऐसा हो तो कुछ भी खाने, पीने से साफ इन्कार कर दें। कहीं ऐसा न हो कि आपकी यह लापरवाही आप पर ही भारी पड़ जाए। इन दिनों रोडवेज बसों में जहरखुरान गिरोह के सदस्य खासे सक्रिय हैं। जो खासकर दिल्ली, नोएडा, फरीदाबाद, गुरुग्राम जैसे बड़े शहरों में नौकरीपेशा करने वालों को अपना शिकार बना रहे हैं। रोजाना कोई न कोई यात्री इन शातिरों का शिकार बनकर अपनी गाढ़ी कमाई को गवां रहे हैं।
25 हजार की लूट
कस्बा विजयगढ़ के विजयशंकर पंजाब में नौकरी करते हैं। 12 अप्रैल को रोडवेज बस में बैठकर अलीगढ़ आ रहे थे। रास्ते में जहरखुरान ने पहले दोस्ती की फिर नशीला बिस्कुट खिलाकर 25 हजार की नकदी व कीमती सामान लूट लिया।
कीमती सामान लेकर फरार
चंडौस के भीमनगर के राजकुमार गुरुग्राम में नौकरी करते हैं। 15 अप्रैल को घर आ रहे थे। रास्ते में जहरखुरान ने नशीली कोल्ड ङ्क्षड्रक पिला दी और जेब में रखे 22 हजार रुपये व मोबाइल फोन और कीमती सामान लेकर फरार हो गए।
फिर भी नहीं हो रहे जागरूक
पुलिस लगातार बसों व ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को जागरुक कर उन्हें किसी भी अंजान व्यक्ति की दी गई खान-पान सामग्री का सेवन न करने की अपील करती है। यात्रियों को जागरुक करने को बसों व ट्रेनों में पंफ्लेट, स्टीकर आदि लगे हुए हैं। बस स्टैंड व रेलवे स्टेशन पर भी लगातार प्रचार किया जाता है। इसके बाद भी सफर में लोग जहरखुरान लुटेरों की मीठी बातों के झांसे में आ जाते हैं और अपनी मेहनत की पूरी कमाई को गवां बैठते हैं।
त्योहारों पर बढ़ जाती हैं घटनाएं
जहरखुरान त्योहारों पर बढऩे वाली भीड़ का खूब फायदा उठाते हैं और हमेेशा टिकट लेकर चलते हैं। अधिकांश गिरोह के सदस्यों की बस स्टाफ व ट्रेन के स्टाफ से जान-पहचान होती है। इसका फायदा उठाकर वे यात्रियों का बेशकीमती सामान बड़ी ही आसानी से पार कर ले जाते हैं । गिरोह ग्रामीण परिवेश वाले यात्रियों को आसानी से अपना शिकार बनाते हैं। उन्हें अपनी बातों में उलझाकर नशीले खाद्य पदार्थ खिलाकर या सुंघाकर कर बेहोश कर देते हैं और फिर माल समेटकर फरार हो जाते हैं।
तीन महीने में 50 से अधिक घटनाएं
पिछले तीन माह में ही अलीगढ़ -दिल्ली व कानपुर रूट पर जहरखुरान गिरोह के सदस्य 50 से भी अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। फिर पीडि़तों का माल समेटकर साफ बच निकल जाते हैं। इसका प्रमाण जिला अस्पताल में बेहोशी की हालत में भर्ती होने वाले लोगों का रिकार्ड है। इन घटनाओं में पीडि़तों को राहगीर व पुलिस की मदद से भर्ती कराया गया था।
मानवीयता नहीं दिखाता बस स्टाफ
जहरखुरान गिरोह का शिकार बने बेहोश यात्रियों को रोडवेज बसों के चालक व परिचालक पुलिसिया कार्रवाई व किसी पचड़े में पडऩे की बजाए यात्री को एकांत वाले स्थान पर उतारकर चले जाते हैं। कई बार सही समय पर उपचार न मिलने पर यात्री की मौत भी हो जाती है। हालांकि सरकार के साफ निर्देश हैं कि ऐसी हालत में बस स्टाफ पीडि़त को ले जाकर निकटम अस्पताल में प्राथमिक उपचार को भर्ती कराए, जिससे पहले उसकी जान बच सके।
नहीं होती है कार्रवाई
इन सारी घटनाओं में से किसी भी घटना की रिपोर्ट दर्ज नहीं हो सकी है। पुलिस ऐसे मामलों में पहले तो सीमा विवाद में उलझती रहती है, फिर पीडि़तों को इधर-उधर टहलाती रहती है। पीडि़त इस कदर परेशान हो जाता है कि वह खुद ही बिना कार्रवाई किए घर चला जाता है।
जहरखुरान से बचाव को समय -समय पर बसों में सफर करने वाले यात्रियों को जागरुक किया जाता है। इसके बाद भी लोग सफर में दूसरों की दी गई खान-पान सामग्री का सेवन कर लेते हैं। जिससे वे जहरखुरान का आसानी से शिकार बन जाते हैं। पीडि़तों की शिकायत पर पुलिस अपने स्तर से अब तक कई जहरखुरान को पकड़कर जेल भी भेज चुकी है।
- कलानिधि नैथानी, एसएसपी