मनुष्य जीवन में उत्तम त्याग बहुत जरूरी, दान के लिए किया प्रेरित Aligarh news
जैन धर्म के आठवें दिवस पर उत्तम त्याग के दिन यही प्रेरणा दी जाती है। तीन प्रकार के दानी बताए गए हैं। सबसे उत्तम दानी वह है जो अपनी कुल आय के चार हिस्से करता है।
अलीगढ़, जेएनएन। पयुर्षण पर्व पर रविवार को दस लक्षण की शृंखला में उत्तम त्याग धर्म के प्रचार में जैन समाज के लोगों ने भजन गाए व दान देने के लिए प्रेरित किया। सुबह जैन मंदिरों में श्रीजी का अभिषेक हुआ।
भारतीय जैन मिलन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेश कुमार जैन ने कहा कि संपत्ति शाश्वत नहीं है। कोई चाहे जितना भी धन का संग्रह कर ले, सुई की नोक के बराबर संपत्ति भी साथ नहीं जाती है। उसका ही धन सार्थक होता है, जो उसका सदपयोग करता है। जैन धर्म के आठवें दिवस पर उत्तम त्याग के दिन यही प्रेरणा दी जाती है। तीन प्रकार के दानी बताए गए हैं। सबसे उत्तम दानी वह है, जो अपनी कुल आय के चार हिस्से करता है। उसमें से दो हिस्से से अपना व परिवार का भरण पोषण करता है। 25 प्रतिशत आपत्ति के लिए सुरक्षित रखता है व 25 प्रतिशत का दान करता है। परोपकारी के हाथ का धन उस पेड़ के समान है जो औषधियों की सामग्री देता है और हरा बना रहता है। समाज की पताका लेकर विशाल जैन, यतेंद्र जैन, मनोज जैन, प्रदीप जैन, दीपक जैन, अतुल जैन, राजीव जैन विशाल जैन, मानस जैन, सनी जैन, हर्षित जैन, राजीव जैन, सुंधाशु जैन, पुष्पेंद्र जैन ने उत्तम त्याग में दान चार बताए। इनमें औषध शास्त्र, अभय, आहार हैं। प्रेरित जैन, अर्पित पैन ने महाआरती की।
शेफाली व अतुल जैन ने मारी बाजी
लॉफिंग संस्था ने रविवार को इंद्र -इंद्राणी प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसे ऑनलाइन हुई। संचालन राशि जैन और प्रवीण जैन ने किया। पहले स्थान पर शेफाली और अतुल जैन, रेशु-सौरभ जैन रहे। दूसरे स्थान पर नीता-प्रदीप जैन, मीनू -हेमंद्र जैन, तीसरे स्थान पर प्राची-अंबुज जैन , रेखा-प्रदीप जैन, तान्या -अविनाश जैन रहे। सीमा जैन ने बताया कि सोमवार को धार्मिक हाउजी कराई जाएगी।
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