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फर्जी दस्तावेजों से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पाया लाभ, ऐसे खुली पोल

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जवां ब्लाक में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। यहां पर फर्जी दस्तावेजों से लाभार्थी योजना का लाभ पा रहे हैं। शिकायत के बाद सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने इस मामले की जांच कराई तो पूरे मामले की पोल खुल गई।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Fri, 20 May 2022 01:11 PM (IST)Updated: Fri, 20 May 2022 01:11 PM (IST)
फर्जी दस्तावेजों से मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में पाया लाभ, ऐसे खुली पोल
फर्जी दस्तावेजों से लाभार्थी योजना का लाभ पा रहे हैं।

अलीगढ़, सुरजीत पुंढीर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत जवां ब्लाक में बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। यहां पर फर्जी दस्तावेजों से लाभार्थी योजना का लाभ पा रहे हैं। शिकायत के बाद सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने इस मामले की जांच कराई तो पूरे मामले की पोल खुल गई। पांच लाभार्थियों के दस्तावेज फर्जी मिले हैं। इस मामले में लाभार्थियों के खाते में भेजे जानी वाली धनराशि पर रोक लगा दी गई है। वहीं, मामले में तत्कालीन एडीओ समाज कल्याण को लापरवाही मानते हुए इनके खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेज दी गई है। जवां ब्लाक प्रमुख हरेंद्र सिंह की शिकायत पर सीडीओ के जांच के आदेश दिए थे।

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अपात्र लोगों को योजना का लाभ

गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित कर रखी है। पिछले साल 13 अगस्त व 20 सितंबर को हजवां ब्लाक में भी सामूहिक विवाह कार्यक्रम हुए थे। इनमें करीब 30 लाभार्थियों की शादी कराई गई थीं। ब्लाक स्तर से इन सभी लाभार्थियों को मौके से ही सामान तो दे दिया गया, लेकिन विवाह समारोह के कुछ दिन बाद ही जवां ब्लाक प्रमुख ने सीडीओ से एक शिकायत की। इसमें आरोप लगाया कि ब्लाक में अपात्र लोगों को योजना का लाभ दिया जा रहा है। जिले के बाहर के लोग भी शादियों में शामिल हो गए हैं। सीडीओ अंकित खंडेलवाल ने इस मामले में ब्लाक स्तरीय अफसरों को जांच के आदेश दिए।

पांच जोड़ों के दस्तावेज मिले फर्जी

ब्लाक स्तरीय अफसरों ने सभी लाभार्थियों की जांच रिपोर्ट जिला स्तर पर भेज दी हैं। इसमें कुल पांच लाभार्थियों के दस्तावेज फर्जी मिले हैं। सीडीओ ने इसके लिए एडीओ पंचायत को दोषी माना है। बिना पंचायत सचिवों से जांच पड़ताल कराए ही इन्होंने लाभार्थियों के नामों को शामिल कर लिया था।

इन गांव के लाभार्थियों के फर्जी मिले दस्तावेज

ब्लाक स्तरीय अफसरों की जांच में गोधा ग्राम पंचायत में दो लाभार्थी जोड़ों के जाति प्रमाण पत्र संलग्न नहीं मिले। वहीं, एक अन्य लाभार्थी का निवास व जाति प्रमाण पत्र फर्जी मिला। वीरपुर छवीलगढ़ी के एक लाभार्थी जोड़े का निवासी व जाति प्रमाण पत्र फर्जी मिला। ढैकुरा ग्राम पंचायत के लाभार्थी जोड़े में दूल्हे का आधार कार्ड फर्जी मिला। दुल्हन के भी अन्य दस्तावेज फर्जी मिले।

भाजपा सरकार जीरो टालरेंस की नीति के साथ काम कर रही है। मैंने ही अपने ब्लाक में सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। अब सीडीओ के निर्देशन में जांच पूरी हुई है। दोषी अफसरों के खिलाफ इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए।

हरेंद्र सिंह, ब्लाक प्रमुख, जवां

शिकायत पर सामूहिक विवाह योजना की जांच कर ली गई है। 30 में से पांच लाभार्थियों के दस्तावेज फर्जी मिले हैं। इन लाभार्थियों के खाते में धनराशि भेजने पर रोक लगा दी गई है। जवां के तत्कालीन एडीओ पंचायत जांच में दोषी पाए गए हैं। इनके खिलाफ शासन में लिखा गया है। आगे की कार्रवाई शासन स्तर से ही होगी।

अंकित खंडेलवाल, सीडीओ


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