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ASHA Conference In Aligarh Exhibition : दीप प्रज्जवलन से पूर्व प्रशासन ने रोका आशा सम्मेलन, जानिए क्या है मामला

राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी में आशा सम्मेलन का आयोजन इस बार भी नहीं हो पाया। काफी समय से जुटे आयोजकों की तैयारियां उस समय धरी की धरी रह गईं जब मुक्ताकाश मंच पर दीप प्रज्जवलन से ठीक पहले प्रशासन ने सम्मेलन को रोक दिया गया।

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 11 Feb 2021 05:43 PM (IST)Updated: Thu, 11 Feb 2021 05:43 PM (IST)
ASHA Conference In Aligarh Exhibition : दीप प्रज्जवलन से पूर्व प्रशासन ने रोका आशा सम्मेलन, जानिए क्या है मामला
राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी में आशा सम्मेलन का आयोजन इस बार भी नहीं हो पाया।

अलीगढ़, जेएनएन। राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी में आशा सम्मेलन का आयोजन इस बार भी नहीं हो पाया। काफी समय से जुटे आयोजकों की तैयारियां उस समय धरी की धरी रह गईं, जब मुक्ताकाश मंच पर दीप प्रज्जवलन से ठीक पहले प्रशासन ने सम्मेलन को रोक दिया गया। वजह, सम्मेलन के लिए अनुमति न होने की बात कही, जबकि सरकारी कार्ड पर भी इसकी तिथि व समय प्रकाशित था। सम्मेलन निरस्त होने पर दूर-दराज से आईं आशा कर्मी मायूस होकर लौट गईं। 

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कई दिनों से चल रही थीं तैयारियां 

प्रदर्शनी में हर साल आशा सम्मेलन का आयोजन होता है। इस बार भी सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता त्रिलोकीनाथ गौड़ के संयोजन में काफी समय से आशा सम्मेलन की तैयारियां चल रही थीं। इसके लिए डीएम व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों को भी बतौर अतिथि आगमन के लिए निमंत्रण भेजा गया। गुरुवार को मुक्ताकाश मंच पर आशा सम्मेलन का आयोजन होना था। इसके लिए दूर-दराज से आशा कर्मी मुक्ताकाश मंच पर पहुंचनी शुरू हो गईं। अतिथि भी आ गए गए। दीप प्रज्जवलन की तैयारी थी, तभी एक प्रशासनिक अधिकारी व कर्मी पहुंचे और संयोजक को बताया कि इस कार्यक्रम को स्वास्थ्य विभाग से बगैर अनुमति कराया जा रहा है, इसलिए इसे निरस्त कर दिया गया है। इसे लेकर काफी नोकझोंक हुई। पुलिस ने मंच पर चढ़ने की अनुमति नहीं दी। ऐसे में अतिथि वहां से निकल गए। फिर आशा कर्मी भी मायूस होकर लौट गईं। 

साजिशन निरस्त कराया सम्मेलन 

त्रिलोकीनाथ गौड़ ने बताया कि हर साल इसी तरह आशा सम्मेलन का आयोजन होता रहा है। कभी स्वास्थ्य विभाग से अनुमति नहीं ली गई। आशा कर्मी पूर्ण कालिक या वेतनभोगी कर्मचारी नहीं हैं। सम्मेलन के बारे में डीएम व अन्य अफसरों को इसके बारे में पूर्व में ही सूचना दी गई थी। सीएमअो के संज्ञान में भी यह मामला था, मगर साजिशन आयोजन की तैयारियां पूरी होने के बाद ऐन पहले सीएमअो ने डीएम को सम्मेलन निरस्त करने की चिट्ठी लिखी, ताकि अपना पक्ष रखने के लिए भी समय न मिले। वजह, मेरे द्वारा आशा कर्मियों के मानदेय, प्रोत्साहन राशि व अन्य मदों के भुगतान के लिए समय-समय पर आवाज उठाई जाती रही। यही सीएमअो को पसंद नहीं था, जिससे उन्हें सम्मेलन में इस तरह विघ्न डाला। सम्मेलन निरस्त होने से सभी आशा कर्मी मायूस हैं। दीप प्रज्जवलन से ठीक पहले मुझसे सम्मेलन निरस्त होने की जानकारी दी गई। जबकि, डीएम व अन्य प्रशासनिक अफसरों को बुधवार को पुन: निमंत्रण दिया था। उन्हें आश्वासन भी दिया, मगर आज सम्मेलन ही रोक दिया गया। जबकि, सम्मेलन का उद्देश्य अच्छा कार्य करने वाली आशा कर्मियों को सम्मानित करना व उनकी समस्याएं अफसरों तक पहुंचाना ही था। 

आशा कर्मी स्वास्थ्य विभाग की कार्यकर्ता हैं, मगर आयोजक ने सम्मेलन में आशा कर्मियों को बुलाने के लिए अनुमति ही नहीं ली। ऐसे में यह सम्मेलन का आयोजन उचित नहीं था। इसलिए डीएम को पत्र लिखकर अनुमति निरस्त करने का आग्रह किया गया। 

- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमअो। 


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