Co-operative Bank कर्मचारियों को किनारे करके दो डीजीएम ने ले लिया नकदी करण, कर्मचारी गुस्से में, अब होगा ये सब
यह खबर बैंक के अन्य अफसर व कर्मचारियों को बिचलित करने वाली है। जिला कोअपरेटिव बैंक के सीईओ ने अपने दोनों डीजीएम को तो नकदीकरण का भुगतान कर दिया है मगर कर्मचारियों को अर्जित अवकाश का नकदी करण नहीं दिया।
अलीगढ़, जेएनएन। यह खबर बैंक के अन्य अफसर व कर्मचारियों को बिचलित करने वाली है। जिला कोअपरेटिव बैंक के सीईओ ने अपने दोनों डीजीएम को तो नकदीकरण का भुगतान कर दिया है, मगर कर्मचारियों को अर्जित अवकाश का नकदी करण नहीं दिया। इसकी जानकारी होने पर कर्मचारियों ने अपना रोष व्यक्त किया। साथ ही उच्चस्तरीय अफसरों को शिकायत भी की। मगर सुनवाई अबतक नहीं हुई। मजबूरी में कोआपरेटिव बैंक एंप्लाइज यूनियन ने अफसरों के खिलाफ मोर्चा खोलने का एलान किया है।
आंदोलन का ऐलान
यूनियन के नेताओं ने कोआपरेटिव बैंक की चेयरपर्सन डा. उमेश कुमारी से भी शिकायत की, मगर सुनवाई नहीं हुई। उन्हें बजट न होने का हवाला देकर टाला जा रहा है। इसके बाद यूनियन ने बार्ड पर दबाव बनाने के लिए यूनियन ने आंदोलन छेड़ने का एलान किया है। ताकि कर्मचारियों को अर्जित अवकाश का नकदीकरण मिल सके। सूत्रों की माने तो बैंक के वरिष्ठ अधिकारी यूनियन नेताओं को मनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं।
एक जुलाई से होगा आंदोलन
यूनियन के प्रदेश सहायक महामंत्री शिशिर शर्मा ने कहा कि बैंक के सचिव मुख्य कार्यपालक अधिकारी कर्मचारियों को अर्जित अवकाश का नकदीकरण नहीं दे रहे हैं। शर्मा ने दावा किया है, सीईओ व मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दोनों डीजीएम को नकदीकरण का भुगतान कर दिया है, मगर कर्मचारियों को इसका भुगतान नहीं किया, इस संबंध में कई बार मौखिक बात हो चुकी है। ज्ञापन भी दिए गए, मगर कोई भी सुनवाई नहीं हुई।यूनियन ने एक जुलाई से आंदोलन छेड़ने का एलान कर दिया है। पहले दिन एक जुलाई को शाम चार बजे बैंक मुख्यालय कोयला वाली गली पर कर्मचारी सांकेतिक धरना प्रदर्शन करेंगे। दो से नौ जुलाई तक कर्मचारी बैंक कर्माचारी काली पट्टी बांधकर अपना कामकाज करेंगे। 12 से 17 जुलाई तक जिले की तीन तीन बैंक शाखाओं पर तैनात कर्मचारी मुख्यालय पर क्रमक अनशन करेंगे। फिर भी बात नहीं बनी तो कर्मचारी 19 जुलाई को कलम बंद हड़ताल पर चले जाएंगे। शिशिर शर्मा ने कहा कि इस आंदोलन की जानकारी उच्चस्तरीय अफसरों को भी दे दी गई है। हम नकदीकरण लेकर ही रहेंगे। इससे कम पर समझौता नहीं होगा।