Aligarh Exhibition में कृष्णांजलि की जांच का हो रहा इंतजार, फिर कार्यक्रमों पर लगेगी मुहर, जानिए विस्तार से
अलीगढ़ की राजकीय औद्योगिक एवं प्रदर्शनी (नुमाइश) के ऐतिहासिक कार्यक्रमों की गवाह रही कृष्णांजलि को लेकर अफसर अब जांच का इंतजार कर रहे हैं। सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से इसके लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा गया है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। गंगा-जमुनी तहजीब की प्रतीक अलीगढ़ की राजकीय औद्योगिक एवं प्रदर्शनी (नुमाइश) के ऐतिहासिक कार्यक्रमों की गवाह रही कृष्णांजलि को लेकर अफसर अब जांच का इंतजार कर रहे हैं। सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से इसके लिए लोक निर्माण विभाग को पत्र लिखा गया है। वहां से टीम आकलन करेगी। इसके बाद कार्यक्रमों को लेकर अंतिम मुहर लगेगी। अगर लोक निर्माण विभाग की जांच रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ मिलती है तो फिर कार्यक्रम होने की संभावना कम ही हैं।
ऐसे शुरू हुई थी नुमाइश
अलीगढ़ नुमाइश का स्वर्णिम इतिहास है। प्रदर्शनी का प्रारंभ वर्ष 1880 में राजा हरनारायण सिंह की प्रेरणा से अलीगढ़ डिस्ट्रिक्ट फेयर के नाम से अश्व प्रदर्शनी के रूप में तत्कालीन कलक्टर मार्शल ने किया था। 1886 में इस डिस्ट्क्टि फेयर में अलीगढ़ की प्रशिक्षण एवं शैक्षिक ज्ञान के समावेश हो जाने के कारण इसका नाम राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी कर दिया गया। यहां से इसका कारवां ऐसे ही आगे बढ़ता गया। दरवार हाल, कृष्णांजिल का निर्माण हुआ। देश भर के तमाम बड़े कलाकार यहां प्रस्तुति दे चुके हैं।कुछ सालों पहले तक नुमाइश मैदान में कृष्णांजलि ही प्रमुख मंच था। सभी बड़े कार्यक्रम इसी पर हुआ करते हैं। इसकी बनावट भी देखते ही बनती है, लेकिन अब समय के साथ यह जर्जर हो चुकी है। इसकी दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। बीम भी खस्ताहाल हैं। खंभों के सहयोग के लिए लगाए गए गाटर भी गिर रहे हैं। ऐसे में अब अब प्रशासन ने इस बार की नुमाइश से पहले इसका तकनीकी आंकलन कराने का फैसला लिया है। लोक निर्माण विभाग को इसकी जिम्मेदारी दी गई है।
ठेके जारी
सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के लिए टीम को पत्र लिखा जा चुका है। अब वहां से जांच रिपोर्ट का इंतजार हो हा है। इसके बाद अंतिम मुहर लगेगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल नुमाइश के लिए ठेके प्रक्रिया चल रही है। शुक्रवार को पांच ठेके जारी कर दिए गए। शनिवार को भी ठेके जारी किए जाएंगे। निविदा के माध्यम से अधिकांश ठेके हो रहे हैं।