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रेमडेसिविर इंजेक्शन न मिलने पर एस्टेरायड व डेक्सामेथोसोन दवा का कर सकते हैं प्रयोग, अलीगढ़ में बोले चिकित्सा विशेषज्ञ

रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते मचे हाहाकार के बीच अच्छी खबर है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार इसकी जगह अन्य विकल्पों का भी प्रयोग किया जा सकता हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Apr 2021 08:44 PM (IST)Updated: Tue, 20 Apr 2021 08:44 PM (IST)
रेमडेसिविर इंजेक्शन न मिलने पर एस्टेरायड व डेक्सामेथोसोन दवा का कर सकते हैं प्रयोग, अलीगढ़ में बोले चिकित्सा विशेषज्ञ
रेमडेसिविर इंजेक्शन न मिलने पर एस्टेरायड व डेक्सामेथोसोन दवा का कर सकते हैं प्रयोग, अलीगढ़ में बोले चिकित्सा विशेषज्ञ

जासं, अलीगढ़ : रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते मचे हाहाकार के बीच अच्छी खबर है। डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार इसकी जगह अन्य विकल्पों का भी प्रयोग किया जा सकता हैं। सीएमओ डा. बीपीएस कल्याणी व मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल डा. शाहिद सिद्दीकी ने इसकी जगह डेक्सामेथोसोन व एस्टरायड का प्रयोग करने का सुझाव दिया है। कहा, दोनों का बराबर ही असर पड़ेगा।

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मंगलवार को डीएम चंद्रभूषण सिंह की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में एडीएम वित्त विधान जायसवाल ने बताया कि इंजेक्शन को लेकर डब्ल्यूएचओ के अनुसार किसी को भी परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके अन्य विकल्प भी हैं, इन्हें प्रयोग करें। कुछ निजी चिकित्सक बिना जरूरत के रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा रहे हैं। ऐसे चिकित्सकों को चिह्नित किया जा रहा है। डीएम ने कहा कि सभी कोरोना अस्पतालों में बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं। लेवल 1 व लेवल 2 के अस्पतालों में कोई लापरवाही नहीं होनी चाहिए। सीएमओ दीनदयाल अस्पताल का निरीक्षण कर देखें कि आक्सीजन की कितनी आवश्यकता है। इसके हिसाब से आपूर्ति कराई जाए।

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कोरोना ने प्रशिक्षण रोका, जिम भी बंद

जासं, अलीगढ़ : कोरोना के बढ़ते संक्रमण ने खिलाड़ियों के प्रशिक्षण पर रोक लगा दी है। स्टेडियम में कोविड-19 गाइडलाइंस के पालन के साथ प्रशिक्षण धीरे-धीरे शुरू हुआ था। अब फिर से सख्ती के बीच खिलाड़ियों का मैदान पर जाना कम हो गया है।

क्षेत्रीय क्रीड़ाधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि स्टेडियम में जिम को बंद कर दिया गया है। बास्केटबाल कोर्ट पर प्रशिक्षण व कुश्ती प्रशिक्षण के लिए रोक लगा दी है। उन खेलों के प्रशिक्षण पर पाबंदी लगाई गई है, जिनमें शारीरिक दूरी के पालन का नियम टूटता है। एथलेटिक्स में खिलाड़ी चाहें तो शारीरिक दूरी का पालन कर दौड़ की प्रैक्टिस कर सकते हैं। बैडमिटन हाल में भी सीमित संख्या में खिलाड़ियों को ही प्रवेश की अनुमति है।


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