Move to Jagran APP

अलीगढ़ को दी एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट की सौगात Aligarh news

पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने तमाम बड़ी सौगातें अलीगढ़ को दी हैं। इसके लिए तकनीकी का भी सहारा लिया। वर्ष 1992 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने अतरौली तहसील क्षेत्र के कल्याणपुर खेड़ा में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट स्थापित कराया।

By Anil KushwahaEdited By: Published: Mon, 23 Aug 2021 06:07 AM (IST)Updated: Mon, 23 Aug 2021 08:45 AM (IST)
अलीगढ़ को दी एशिया के सबसे बड़े सोलर प्लांट की सौगात Aligarh news
अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने अतरौली के कल्याणपुर खेड़ा में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट स्थापित कराया

अलीगढ़, जेएनएन ।  पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने तमाम बड़ी सौगातें अलीगढ़ को दी हैं। इसके लिए तकनीकी का भी सहारा लिया। वर्ष 1992 में अपने मुख्यमंत्रित्व काल में उन्होंने अतरौली तहसील क्षेत्र के कल्याणपुर खेड़ा में एशिया का सबसे बड़ा सोलर पावर प्लांट स्थापित कराया। 100 किलोवाट के इस पावर प्लांट से क्षेत्र के दो दर्जन गांवों को 24 घंटे तक बिजली मिलने लगी। नलकूपों को भी बिजली मिली। बाद में देखरेख के अभाव में यह कंडम हो गया। 2017 में इसे नीलाम कर दिया गया।

loksabha election banner

ऐसे हुई प्लांट की स्थापना

90 के दशक में पूरे प्रदेश में बिजली की गंभीर समस्या थी। 1992 में कल्याण सिंह मुख्यमंत्री बने। वह जब भी अतरौली आते, तो लोग उनसे बिजली को लेकर शिकायत करते थे। ऐसे में उन्होंने गांव कल्याणपुर खेड़ा में सोलर पावर प्लांट बनाने का फैसला लिया। 1992 में ही इसकी नींव रखी गई। पांच साल में यह बनकर तैयार हुआ। करीब तीन करोड़ रुपये इस पर खर्च किए गए। हालांकि, कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद इसके निर्माण कार्य की रफ्तार सुस्त हो गई। 1997 में कल्याण सिंह दोबारा मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने फिर तेजी से काम कराया। 11 नवंबर 1997 को यह जनता को समॢपत कर दिया गया। यहां बनने वाली बिजली में से 25 मेगावाट पनेहरा ग्रिड को भेजी जाती थी। शेष 75 मेगावाट से कल्याणपुर खेड़ा, नगला धौर्रा, प्रेमनगर आदि गांवों में बिजली की आपूॢत होती थी। आसपास के करीब 15 नलकूप भी इसी सोलर प्लांट से चलते थे।

21 लाख में हुई थी नीलामी

कल्याणपुर खेड़ा का यह सोलर प्लांट देखरेख के अभाव में कंडम हो गया। शासन के आदेश पर 2015 में नेडा (नेशनल इकानोमिक्स एंड डेवलपमेंट एजेंसी) ने इसकी नीलामी की प्रक्रिया शुरू की। 2017 में टैक्स समेत 21 लाख रुपये में इसे सोनीपत (हरियाणा) की एक कंपनी को बेच दिया गया। यहां लगे सोलर पैनल, बैट्री व अन्य समान को कपंनी ले गई। प्लांट के उखडऩे पर गांव के लोगों को काफी दुख हुआ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.