अलीगढ़ में आशा कर्मियों ने फिर घेरा सीएमओ दफ्तर, हंगामा
मानदेय से कटौती व समय पर भुगतान को लेकर नारेबाजी सरकार से 15 हजार फिक्स मानदेय व राज्य कर्मचारी का दर्जा मांगा।
जासं, अलीगढ़ : जिले की आशा कर्मियों ने विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को फिर सीएमओ दफ्तर को घेर लिया। आशा कर्मी सीएमओ कक्ष के सामने ही धरने पर बैठ गईं। कहा, तीन अक्टूबर से उनकी हड़ताल चल रही है। यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो संचारी रोग नियंत्रण अभियान में भी काम नहीं करेंगी। आशा कर्मियों ने विभिन्न कार्यों से अर्जित प्रोत्साहन राशि का समय से भुगतान नहीं न होने का आरोप लगाया। 15 हजार फिक्स मानदेय व राज्य कर्मचारी का दर्ज दिए जाने की मांग की।
दोपहर करीब 12 बजे शहर व देहात की काफी आशा कर्मी सीएमओ कार्यालय पर पहुंची और नारेबाजी शुरू कर दी। कहा,भले ही कैसी भी परिस्थिति रही हो, आशा कर्मियों ने अपना घर-परिवार छोड़कर बेहतर काम किया। कोरोना काल में घर-घर जाकर मरीज चिह्नित किए। कोविड जांच के लिए सैंपल तक लिए। फिर भी, उन्हें मात्र दो हजार रुपये मानदेय मिलता है। प्रोत्साहन राशि का भुगतान भी समय से नहीं होता।
डिप्टी सीएमओ ने हड़काया तो धरना : आशा कर्मियों की नारेबाजी सुनकर एक कार्यवाहक डिप्टी सीएमओ पहुंचे और उन्हें हड़काना शुरू कर दिया। बोले, लिखकर दे जाओ कि काम नहीं करना। मानदेय बढ़ाने का अधिकार सरकार का है। आशा कर्मियों ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, हम विभाग से सहयोग मांग रहे हैं। डिप्टी सीएमओ बोले, मैं सीएमओ नहीं, जो आपकी हर बात सुन लूंगा। इससे नाराज होकर आशा कर्मी सीएमओ कक्ष के सामने धरने पर बैठ गईं। डिप्टी सीएमओ के खिलाफ भी नारेबाजी की। ऐसे में सीएमओ ने आशा कर्मियों को वार्ता के लिए बुलाया। उनकी बातों को धैर्य से सुना भी। समझाया कि कई मांगें शासन स्तर की हैं। पत्र के जरिए अवगत करा सकते हैं। यदि विभाग में उत्पीड़न होता है तो दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। लंबित मानदेय का इसी सप्ताह में भुगतान का भरोसा दिया। सीएमओ के आश्वासन पर बिना कोई प्रतिक्रिया दिए आशा कर्मी लौट गईं।