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AMU के प्रोफेसर बोले, मौलिक अधिकारों के रूप में शस्त्र देता है भारतीय संविधान Aligarh News

राजनीति विज्ञान के प्रोे.मोहिबुल हक़ ने कहा कि संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के संविधान को लिखते समय एक ऐसे देश की अवधारणा की थी जो कि समाजवादी धर्मनिरपेक्ष जनतांत्रिक गणतंत्र हो। यह हमारे संविधान की प्रस्तावना से झलकता है

By Sandeep kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2021 11:46 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2021 11:46 AM (IST)
AMU के प्रोफेसर बोले, मौलिक अधिकारों के रूप में शस्त्र देता है भारतीय संविधान Aligarh News
भारतीय संविधान भारत की सर्वोच्च विधि है।

अलीगढ़, जेएनएन। एएमयू लाॅ सोसाइटी की ओर से शनिवार को भारतीय संविधान व भारत की अवधारणा विषय पर राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। उद्घाटन कामर्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. नवाब अली ख़ान ने किया। उन्होंने कहा कि भारतीय संविधान भारत की सर्वोच्च विधि है। यह भारत संघ तथा राज्य सरकारों के मध्य तथा सरकार एवं नागरिकों के मध्य एक संतुलन स्थापित करता है। उन्होंने कहा कि भारत का संविधान भारत के लोगों को मौलिक अधिकारों के रूप में एक शक्तिशाली शस्त्र प्रदान करता है।

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 हमारा संविधान दुनिया के बेहतरीन संविधानों में से एक

मुख्य अतिथि राजनीति विज्ञान के प्रोे.मोहिबुल हक़ ने कहा कि संविधान सभा के सदस्यों ने भारत के संविधान को लिखते समय एक ऐसे देश की अवधारणा की थी जो कि समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, जनतांत्रिक गणतंत्र हो। यह हमारे संविधान की प्रस्तावना से झलकता है। ला सोसाइटी के अध्यक्ष एवं विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रो. शकील समदानी ने कहा कि हमारे पूर्वज जिन्होंने आज़ादी के लिए बलिदान किया वह एक ऐसा देश चाहते थे जहां किसी के साथ भी भेदभाव न हो। जिनमें मनुष्यए पशु व पर्यावरण सभी के संरक्षण की बात की गई है। हमारा संविधान दुनिया के बेहतरीन संविधानों में से एक है। स्वागत भाषण असिस्टेंट प्रो. मोहम्मद नासिर ने दिया। संचालन सचिव आयशा अल्वी ने किया। अतिथियों का परिचय रजत शांडिल्य, महलका अबरार व कैफ सिद्दीकी ने किया। इस दौरान कुमारी शैलजा सिंह व फौजिया आदि मौजूद रहीं।

मूट कोर्ट में बतौर जज डीआर ने दिए टिप्स

लॉ कालेज आफ विवेकानंद अलीगढ़ में शनिवार को मूट कोर्ट का आयोजन किया गया। प्राचार्य डा. अनुराग सारस्वत ने विधि छात्रों को मूट कोर्ट की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने प्रतिष्ठा आइएएस अकादमी के निदेशक डीआर यादव को बतौर जज आमंत्रित किया। अकादमी निदेशक ने इंटरनेट के प्रयोग, इसके दुष्प्रभाव व दया मृत्यु का प्रावधान होना चाहिए? या नहीं होना चाहिए? आदि बिंदुओ पर छात्र-छात्राओं को बताया। उन्होंने लॉ कालेज के छह छात्रों को प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया। इस दौरान अतुल गुप्ता, प्रदीप यादव ने निदेशक को सम्मानित किया। इस दौरान प्रियां


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