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वर्षा जल काे सहेजेंगी AMU की संस्थाएं, ये है रणनीति Aligarh News

भूगर्भ को वर्षा जल से तर करने के लिए शासन तो प्रयासरत है ही संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और इससे जुड़ी संस्थाओं ने भी जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 22 Apr 2021 10:20 AM (IST)Updated: Thu, 22 Apr 2021 10:20 AM (IST)
वर्षा जल काे सहेजेंगी AMU की संस्थाएं, ये है रणनीति Aligarh News
एएमयू से जुड़ी संस्थाओं ने भी जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं हैं।

अलीगढ़, जेएनएन। भूगर्भ को वर्षा जल से तर करने के लिए शासन तो प्रयासरत है ही, संस्थाएं भी सहयोग कर रही हैं। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और इससे जुड़ी संस्थाओं ने भी जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाएं हैं। सिटी हाईस्कूल और तिब्बियां कालेज भी वर्षा जल काे संरक्षित करने में भूमिका निभाएंगे। इन संस्थाआे में स्मार्ट सिटी प्राेजेक्ट के तहत रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। नगर निगम ने इस पर मुहर लगा दी है। ये सिस्टम लगने के बाद मानसून में लाखों लीटर वर्षा जल भूगर्भ में संरक्षित किया जा सकता है।

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केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना 

शासन ने जल संचयन के कार्यों को प्राथमिकता में शामिल किया है। शासकीय, अर्द्धशासकीय और स्कूल-कालेजों के भवनों को जल संचयन की प्रणाली से जोड़ने के निर्देश हैं। केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना में भी इस प्रणाली को शामिल किया गया है। स्मार्ट सिटी के तहत चयनित किए गए शहरों में स्टार्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम बनाने की योजना इसी दिशा में उठाया गया अहम कदम है। इस सिस्टम के तहत जहां मानसून में जलभराव की समस्या दूर होगी, वहीं वर्षा जल नालों में बहकर दूषित नहीं होगा। स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत शिक्षण संस्थाओं को भी जल संरक्षण अभियान से जोड़ा जा रहा है। अलीगढ़ में सिटी हाईस्कूल और तिब्बिया कालेज को इसके लिए चुना गया है। एएमयू की इन संस्थाओं में रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाएंगे। सामान्य वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम तो एएमयू की ज्यादातर संस्थाओं में हैं। लेकिन इनसे छतों पर गिरा वर्षा जल संरक्षित नहीं हो पाता, जो अधिक मात्रा में होता है। रूफ टाप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम में ये क्षमता रहती है। इसके लिए नगर निगम द्वारा प्रोजेक्ट तैयार कराया जा रहा है, जल्द ही दोनों संस्थाएं जल संचयन की इस प्रणाली से जुड़ जाएंगी।

सरकारी महकमों में अनदेखी

शासन द्वारा एक ओर जल संरक्षण और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को सख्ती से लागू करने के निर्देश हैं, वहीं दूसरी ओर सरकारी विभाग ही भूजल बचाओ अभियान के खिल्ली उड़ा रहे हैं। ज्यादातर सरकारी भवनों में वर्षा जल संचय के इंतजाम नहीं हैं। जिन भवनों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम हैं, वहां देखरेख न होने से उपयोग में नहीं आ रहे। नियमित सफाई न होने से बनाए गए चेंबर गंदगी से अटे पड़े हैं। कचरा जमा होने से बारिश का पानी इनमें नहीं जाता। ऐसी परिस्थितियों में जल संचयन की सरकार की योजना परवान नहीं चढ़ पा रही।

 हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की जरूरत

स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत सिटी हाईस्कूल और तिब्बिया कालेज में ये सिस्टम लगाए जाएंगे। नगर निगम के अधिकारियों से वार्ता हो चुकी है। इसके अलावा एएमयू जल संरक्षण के अन्य प्रोजेक्ट पर भी काम कर रहा है। मेडिकल कालेज अौर पालिटेक्निक में सामान्य वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे हैं। इन इमारतों समेत यूनिविर्सटी की अन्य इमारतों में भी हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की जरूरत है।

प्रो. नदीम खलील, सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट एएमयू


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