आरएसएस: देश के अमर बलिदानियों की गौरव गाथा है अमृत महोत्सव
Amrit Mahotsav राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सावरकर नगर में शुक्रवार को आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया गया। इसमें आजादी से पहले देश के लिए मर मिटने वाले वीर सपूतों के इतिहास के बारे में बच्चों को बताया गया।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सावरकर नगर में शुक्रवार को आजादी का अमृत महोत्सव आयोजित किया गया। इसमें आजादी से पहले देश के लिए मर मिटने वाले वीर सपूतों के इतिहास के बारे में बच्चों को बताया गया। उन्हें जानकारी दी गई कि कैसे आजादी में अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले सैकड़ों वीर सपूतों को इतिहास में जगह नहीं दी गई। देश आजाद हुआ उसके बाद की भी सरकारों ने उन्हें तव्वजों नहीं दिया। पूर्व की सरकारों ने कोशिश नहीं की कि कैसे इतिहास के पन्नों में रह गए वीरों को फिर से लिया जाए, उन्हें नई पीढ़ी को बताया जाए। मगर, इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया। जिससे धीरे-धीरे ऐसे वीर सपूतों को भूलते चले गए।
शुक्रवार को रामबाग कालोनी स्थित माडर्न कांवेंट पब्लिक स्कूल में आयोजित समारोह में मुख्य वक्ता राज नारायण ने कहा हमारा देश वीरता और साहस से भरा पड़ा हैं। हमारे वीर सपूतों ने हंसते हंसते अपने प्राणों का बलिदान कर दिया। मगर हम बमुश्किल से 10 से 15 वीर सपूतों को ही जानते हैं, जबकि अनगिनत ऐसे वीर सपूत हैं जिनका बलिदान किसी से कम नहीं है। उन्होंने तमाम यातनाएं सहीं, मुगलों और अंग्रेजों से लोहा लिया। वर्षों तक जेलों में रहे, उन्हें सामने लाने का प्रयास नहीं किया गया। मगर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अमृत महोत्सव के चलते हम ऐसे वीर सपूतों के बारे में जान पा रहे हैं। गुरु गोविंद सिंह के चारों बच्चे देश और धर्म के लिए बलिदान हो गए, आजादी के बाद इन्हें अच्छे से नहीं पढ़ाया गया। हमें यह पढ़ाया गया कि अकबर महान है, मगर यह नहीं बताया गया कि महाराणा प्रताप ने हल्दी घाटी के युद्ध में मुगल सेना को नाकों चने चबवा दिए थे। बप्पा रावल वीरता और साहस के बारे में नहीं बताया गया। मुगलों को उनके घर में घुसकर मारने का काम किया था। बंदा वीर बैरागी का असीम त्याग नहीं बताया गया। जिन्होंने देश और धर्म के लिए अपना प्राण न्यौछावर कर दिया था।
आरएसएस दे रहा है जानकारी
आज अमृत महोत्सव के माध्यम से यह जानकारियां मिल पा रही हैं। राज नारायण ने कहा कि हमारे आदर्श छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, खुदीराम बोस आदि होने चाहिए ना कि फिल्मों के हीरी। कार्यक्रम अध्यक्ष अधिवक्ता राजकुमार ने कहा कि अमृत महोत्सव के माध्यम से हमें देश के महान सपूतों को जानने का मौका मिल रहा है, उन्होंने संघ के सभी पदाधिकारियों का आभार जताया। कहा कि संघ समाज के बीच में देशभक्तों को सामने लाने का काम कर रहा है, इससे महान कार्य कोई और नहीं है। इससे पहले की सरकारों ने तनिक भी ध्यान नहीं दिया। सावरकर नगर के कार्यवाह प्रदीप कुमार पांडेय ने कहा कि आरएसएस हमेशा देश हित में काम करता है। स्कूल के कोआर्डिनेटर अनिल बघेल ने आभार जताया। राष्ट्र जब भी संकट आया आरएसएस के लोगों ने तन-मन-धन से सहयोग किया। कार्यक्रम में ललित जी, हरवीर, पवन, रणधीर, डालचंद्र, अजीत, पार्षद विजय तोमर, अर्पित आदि थे।