अलीगढ़, जेएनएन। सरकारी स्कूलों में फर्जी नियुक्ति के मामले
थम
नहीं रहे हैं। जिले के आठ विद्यालयों में 108 नियुक्तियों पर तलवार लटक गई है। आरोप है कि इन विद्यालयों की प्रबंध समितियों ने प्राथमिक विद्यालय का संचालन दिखाकर फर्जी नियुक्तियां कर ली हैं। कोल विधायक अनिल पाराशर की शिकायत पर मंडलायुक्त जीएस प्रियदर्शी ने इन नियुक्तियों पर जांच बैठा दी है। सीडीओ अनुनय झा को जांच अधिकारी बनाकर 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है। सीडीओ ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर संबंधित नियुक्तियों के दस्तावेज मांगे हैं।
शिकायत चार अगस्त को की गई थी। आरोप था कि
ज्वालापुरी
स्थित
महाउरू
पूर्व माध्यमिक विद्यालय की प्रबंध समिति ने प्राथमिक विद्यालय का संचालन दिखाकर 14 अध्यापकों की कथित नियुक्तियां कर ली हैं। प्रबंध समिति ने इन नियुक्तियों के लिए सरकार से अनुदान भी लिया है। इनमें भर्ती व सेवा शर्तों के नियमों का पालन नहीं किया गया है। जिले के सात अन्य विद्यालयों में भी इसी तरह से नियुक्ति हुई है। अब नियुक्तियों से लेकर अनुदान तक की
पड़ताल
होनी है। इन नियुक्तियों की शासन में भी शिकायत हो चुकी है। आरोप लगाए गए हैं कि पूर्व बेसिक शिक्षा अधिकारी ही मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक थे। उन्होंने ही दोनों जगह एक ही हस्ताक्षर कर नियुक्तियां की हैं। इनका तबादला हो चुका है।
इनमें भी नियुक्तियों पर सवाल
शिव बाल मंदिर जूनियर हाईस्कूल छर्रा, शहीद भगत पूर्व माध्यमिक विद्यालय अलीगढ़, सुंदरी देवी पूर्व माध्यमिक विद्यालय रुस्तमपुर, इंदिरा गांधी जूनियर हाईस्कूल
अहिवासी
नगला, किसान पूर्व माध्यमिक विद्यालय किरथला, जनता जूनियर हाईस्कूल प्रेमपुर टप्पल, जनता जूनियर हाईस्कूल गंगीरी।