Move to Jagran APP

भाजपा के चाल पर टिकी सभी की निगाह, सभी दलों ने तैयार की गोपनीय रणनीति, जाने विस्‍तार से

आपराधिक मामला कोर्ट में विचाराधीन होने पर भाजपा के विधायक संजीव राजा को इस बार टिकट नहीं मिल पाया है। विधायक ने अपनी पत्नी मुक्ता राजा को मैदान में उतार दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा क्या रणनीति बनाती है। इसको लेकर चर्चाएं हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 04:48 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 04:48 PM (IST)
भाजपा के चाल पर टिकी सभी की निगाह, सभी दलों ने तैयार की गोपनीय रणनीति, जाने विस्‍तार से
सातों सीट पर भाजपा कैसे समीकरण साधेगी यह देखना होगा।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। भाजपा ने सातों सीटों पर टिकट घोषित कर दिया है। शहर सीट पर लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था, मगर बुधवार शाम को घोषित कर दिया गया। अब भाजपा को समीकरण साधने की कोशिश करनी होगी। सातों सीट पर भाजपा कैसे समीकरण साधेगी यह देखना होगा। भाजपा की निगाह किस चाल पर है ये देखना होगा।

loksabha election banner

रैलियों की तिथि घोषित

भाजपा ने बुधवार शाम को शहर सीट पर भी अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी और मैदान में उतार दिया। शहर सीट से मुक्ता राजा को मैदान में उतारा गया है। इसके बाद से सभी राजनीतिक दलों की निगाहें भाजपा की ओर पड़ गई हैं। सभी यह देख रहे हैं शहर हैं कि भाजपा कौन सी चाल चलती है। क्योंकि शहर सीट जिले की सातों सीटों में से सबसे प्रमुख मानी जाती है। यहां माहौल चुनाव में अक्सर गर्म आ जाता है। साथ ही चुनाव में तनातनी की स्थिति बनी रहती है दो समुदायों के बीच टकराव हालात भी बन जाते हैं इसलिए दोनों समुदाय के लोग अपने-अपने प्रत्याशियों को जिताने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं। इस बार संजीव राजा को टिकट नहीं मिल पाया है। इसलिए उन्होंने अपनी पत्नी मुक्ता राजा को मैदान में उतार दिया है। अब देखना होगा कि भाजपा क्या रणनीति बनाती है हालांकि भाजपा ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट घोषित कर दी है। इससे पता चल रहा है कि जल्द ही प्रदेश में रैलियों की तिथियां घोषित हो जाएंगी। फिर भाजपा की रैलियों के माध्यम से हुंकार भर सकती है। इस बार चुनाव में कोरोना को देखते हुए अभी तक रैलियां सभाएं नुक्कड़ सभाएं आज सभी बंद थी। इससे चुनाव में माहौल नहीं बन पा रहा था।

सोशल  नेटवर्क मजबूत

भाजपा का सोशल नेटवर्किंग काफी मजबूत है। इसलिए बेड पर इसके माध्यम से प्रचार कर सकती थी मगर अन्य दलों ने यह सवाल उठाया था इंटरनेट मीडिया पर यदि वह प्रचार करते हैं तो ग्रामीण क्षेत्र के लोग नहीं जुड़ पाएंगे क्योंकि आज के समय में भी ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट व्यवस्था बहुत कमजोर है और इससे चुनाव लोग प्रत्याशी को भी नहीं पहचान पाएंगे। इसलिए वर्चुअल चुनाव का तमाम दलों ने विरोध किया था वहीं भाजपा का कहना है कि आधुनिक युग बदल रहा तकनीकी युवर है अगर हम समय के साथ ताल में नहीं करेंगे तो हम सब पीछे रह जाएंगे। यह जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.