अलीगढ़ में प्रशिक्षित बेरोजगारों के लिए खुलेगी रोजगार की राह
अकराबाद विकास खंड की ग्राम पंचायत नगला केशिया में राजकीय फल संरक्षण केंद्र द्वारा तीन दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरुकता शिविर का शुभारंभ किया गया। लघु उद्योग से ग्रामीणों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। अधिकतम एक लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है।
अलीगढ़, जेएनएन। महात्मा गांधी खाद्य प्रसंस्करण ग्राम स्वरोजगार योजना के तहत गांव के बेरोजगार युवाओं काे प्रशिक्षित कर स्वरोजगार का मार्ग दिखाया जा रहा है। अकराबाद विकास खंड की ग्राम पंचायत नगला केशिया में राजकीय फल संरक्षण केंद्र द्वारा तीन दिवसीय खाद्य प्रसंस्करण जागरुकता शिविर का शुभारंभ किया गया। पहले दिन 30 युवाओं ने खाद्य प्रसंस्करण की बारीकियां सीखीं। सेवानिवृत्त अभियाेजन अधिकारी राकेश कुमार ने प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए कहा कि लघु उद्योग से ग्रामीणों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
युवाओं ने सीखीं बारीकियां
प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ ग्राम प्रधान सुरेंद्र सिंह व सेवानिवृत्त अभियोजन अधिकारी राकेश कुमार यादव ने मां सरस्वती के छविचित्र के समक्ष दीप जलाकर किया। प्रशिक्षार्णियों को खाद्य प्रसंस्करण से संबंधित पुस्तकें दी गईं। ग्राम प्रधान ने कहा कि यह प्रशिक्षण बेरोजगार युवाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगा। कुटीर उद्योग लगाकर वह आत्मनिर्भर बन सकते हैं। फल संरक्षण केंद्र प्रभारी बलवीर सिंह ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण उद्योग आज के दौर में महत्वपूर्ण है। सरकार द्वारा इसके लिए सहयोग भी दिया जा रहा है। उद्योग में उपयोग होने वाले उपकरणों पर व्यय होने वाली धनराशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम एक लाख रुपये तक का अनुदान दिया जाता है।
स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे
वीके शर्मा ने अचार, मुरब्बा, शर्बत व फल-सब्जी से बनने वाले उत्पादों की जानकारी दी। मोहन सारस्वत ने खाद्य प्रसंस्करण में प्रयोग होने वाले रसायनों की शुद्धता के परीक्षण के बारे में बताया और गुणवक्ता युक्त खाद्य पदार्थ तैयार करने की जानकारी दी। विशन चौधरी ने चटनी, मुरब्बा व अन्य खाद्य पदार्थ के उद्योग के बारे में बताया। सेवानिवृत्त अभियाेजन अधिकारी राकेश कुमार व अधिवक्ता महेश चंद्र ने प्रशिक्षार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित करते हुए कहा कि लघु उद्योग से ग्रामीणों को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे। ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रम काफी उपयोगी हैं। इस अवसर पर पर्यवेक्षक श्याम सुंदर, करनलाल, शिवाकांत, जबर सिंह आदि मौजूद रहे।