आदर्श स्कूलों की सूची में अलीगढ़ भी करेगा दमदार दावेदारी, जानिए मामला
सरकारी स्कूलों को आदर्श स्कूलों में बदलने की प्रक्रिया भी केंद्र सरकार की ओर से की जा रही है। नई शिक्षा नीति के तहत ये कदम केंद्र सरकार की ओर से उठाया जा रहा है। 2024 तक 15 हजार आदर्श स्कूल खोलने की योजना तैयार की गई है।
अलीगढ़, जेएनएन। कक्षा एक से आठवीं तक के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों काे स्मार्ट क्लास, माडल स्कूल, लाइब्रेरी, प्रोजेक्टर आदि की सुविधाओं के बीच पढ़ने का मौका तो मिलना शुरू हो गया है। मगर सरकारी स्कूलों को आदर्श स्कूलों में बदलने की प्रक्रिया भी केंद्र सरकार की ओर से की जा रही है। नई शिक्षा नीति के तहत ये कदम केंद्र सरकार की ओर से उठाया जा रहा है। लक्ष्य भी तय करते हुए 2024 तक 15 हजार आदर्श स्कूल खोलने की योजना तैयार की गई है। योजना अमल में पूरी तरह से आती है तो अलीगढ़ में भी आदर्श स्कूल खुलने की उम्मीद की जा सकती है। क्याेंकि इनके लिए जो मानक तय किए गए हैं उनको पूरा करने की दम जिले के कुछ चुनिंदा सरकारी स्कूल रखते हैं।
30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक
आदर्श स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, कौशल लैब, खेल का मैदान व 30 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसके अलावा प्री-प्राइमरी के विद्यार्थियों को खिलौना आधारित शिक्षा दी जाएगी। इन मानकों में जिले के कुछ विद्यालय भी खरे उतरने को तैयार हैं। हालांकि उनमें अभी कंप्यूटर लैब व कौशल लैब का निर्माण नहीं है। मगर अभी आदर्श स्कूलों की दावेदारी के लिए पर्याप्त समय होने के चलते इन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की पहल की जा सकती है। इस ओर शिक्षाधिकारियों ने कदम बढ़ाने भी शुरू कर दिए हैं। अफसरों का लक्ष्य है कि एक या दो स्कूलों को आदर्श स्कूलों की श्रेणी में रखने लायक मानकों वाला बनाकर आवेदन पेश किया जाए। इसके लिए ब्लाकवार ऐसे चुनिंदा स्कूलों की सूची तैयार करने की कवायद भी जिले में शुरू की जा रही है। सभी बीईओ को निर्देश जारी किए जा रहे हैं कि अपने-अपने क्षेत्र के ऐसे स्कूलों व वहां उपलब्ध सुविधाओं की पूरी जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार करें।
बीएसए डा. लक्ष्मीकांत पांडेय ने कहा कि अभी केंद्र सरकार की ओर से ये व्यवस्था करने की बात कही गई है। इसके आवेदन के संबंध में भी अभी कोई तिथि निर्धारित नहीं है। इसलिए पहले से ही स्कूलों को आदर्श स्कूल वाले मानकों के अनुरूप तैयार कराने का काम अभी से शुरू कर सकते हैं। कुछ स्कूल बेहत व्यवस्थित हालत में हैं, जिनमें अगर थोड़ा काम करा दिया जाए तो वे आदर्श स्कूलों की श्रेणी में शामिल होने की दावेदारी कर सकते हैं। इसका प्रयास किया जा रहा है।