टीकाकरण को लेकर अलीगढ़ के किशोरों में उत्साह, 10 दिन में सवा लाख को मिला सुरक्षा कवच
कोरोना वायरस व उसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन के रफ्तार पकड़ते ही टीकाकरण केंद्रों पर लाभार्थियों की कतार नजर आने लगी है। तीन जनवरी को मौका मिलने के बाद अब किशोर (15 से 18 वर्ष) भी कोविड टीका लगवाने के लिए केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। कोरोना वायरस व उसके नए वैरिएंट ओमिक्रोन के रफ्तार पकड़ते ही टीकाकरण केंद्रों पर लाभार्थियों की कतार नजर आने लगी है। तीन जनवरी को मौका मिलने के बाद अब किशोर (15 से 18 वर्ष) भी कोविड टीका लगवाने के लिए केंद्रों पर पहुंचने लगे हैं। माता-पिता खुद अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। मात्र 16 दिन में ही 1.24 लाख किशोरों ने कोवैक्सीन का टीका लगवा लिया है। वहीं, मात्र नौ दिनों करीब 12 हजार स्वास्थ्य कर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर व बुजुर्ग प्रिकाशन डोज (तीसरा सतर्कता टीका) ले चुके हैं। मंगलवार को कुल 24 हजार 965 लोगों को टीके लगाए गए। अब तक 41.88 लाख टीके लगाए जा चुके हैं।
बढ़ रहा संक्रमण का खतरा
16 जनवरी 2021 को शुरू हुई कोविड टीकाकरण ड्राइव में सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स व 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों को टीके लगाए गए। इसके बाद 45 से 60 व 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के लोगों को टीकाकरण का अवसर दिया गया। दिसंबर 2021 तक यही क्रम चला। इस बीच तीसरी लहर ने दस्तक दे दी, जिसमें बच्चों-किशोरों को सबसे ज्यादा खतरा बताया गया, क्योंकि उन्हें टीके नहीं लगे थे। वर्तमान में कुल संक्रमित रोगियों में 20 फीसद तक बच्चे-किशोर निकल रहे हैं। हालांकि, तीन जनवरी 2022 को सरकार ने 15 से 18 वर्ष आयु के किशोरों का टीकाकरण कर दिया है। मार्च में 12 से 15 वर्ष आयु के बच्चों को टीकाकरण की तैयारी शुरू हो गई है। संक्रमण बढ़ते ही माता-पिता अपने बच्चों को लेकर केंद्रों पर ले जाकर टीका लगवा रहे हैं। विभागीय टीमें स्कूल-कालेजों में पहुंचकर टीका लगा रही हैं।
किशोरों के टीकाकरण की स्थिति
18 जनवरी, 4,932
17 जनवरी, 5355
16 जनवरी, 3468
15 जनवरी, 6160
14 जनवरी, 5932
13 जनवरी, 6916
12 जनवरी, 8434
11 जनवरी, 8217
10 जनवरी, 9322
09 जनवरी, 3084
08 जनवरी, 8348
07 जनवरी, 14,957
06 जनवरी, 17,436
05 जनवरी, 12,149
04 जनवरी, 8041
03 जनवरी, 2351
इनका कहना है
किशोर-किशोरियों के शत-प्रतिशत टीकाकरण के लिए अभिभावक और शिक्षकों को भी जागरूक किया जा रहा है। उन्हें प्राथमिकता के आधार पर टीके लगाए जा रहे हैं। इस बार बच्चों को अधिक खतरा है, इसलिए कोई लापरवाही न बरतें। नजदीकी केंद्र पर जाकर 15 से 18 वर्ष तक के लाभार्थियों को टीके लगवाएं।
- डा. एमके माथुर, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी।