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Aligarh Ram Navami 2021: नवमी पर घर-घर जिमाए गए कन्या-लांगुरा, श्रद्धालुओं ने व्रत का किया परायण

चैत्र नवरात्र के समापन पर राम नवमी को लोगों ने मां सिद्धदात्री की पूजा-अर्चना की। बुधवार को भोर की पहली किरण के साथ से ही शहर की पथवारी पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। घर घर में कन्या-लांगुराओं जिमाए गए।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Wed, 21 Apr 2021 02:33 PM (IST)Updated: Wed, 21 Apr 2021 02:33 PM (IST)
Aligarh Ram Navami 2021: नवमी पर घर-घर जिमाए गए कन्या-लांगुरा, श्रद्धालुओं ने व्रत का किया परायण
चैत्र नवरात्र के समापन पर राम नवमी को लोगों ने मां सिद्धदात्री की पूजा-अर्चना की।

अलीगढ़, जेएनएन। चैत्र नवरात्र के समापन पर राम नवमी को लोगों ने मां सिद्धदात्री की पूजा-अर्चना की। बुधवार को भोर की पहली किरण के साथ से ही शहर की पथवारी पर श्रद्धालुओं की भीड़ रही। घर घर में  कन्या-लांगुराओं जिमाए गए। साथ ही पूजन किया गया। कन्‍या लांगुरा को प्रसाद ग्रहण कराने के बाद उपहार दिए गए।

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इगलास नगर के पथवारी मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। जगत जननी मां के दर्शन कर भक्तों ने आशीर्वाद लिया और मनोतियां मांगी। इस दौरान मंदिरों में घंटे-घडिय़ालों की टंकार और महामाई का जयघोश गूंजता रहा। इसके बाद महामाई के भक्तों ने श्रद्धा के साथ घरों में कन्या-लांगुराओं का विधिविधान से पूजन किया और उन्हें भोजन कराया। उन्हें दक्षिणा एवं उपहार भेंट कर नौ दिन से चले आ रहे अपने व्रत खोले। 

 

कन्या रु पी नौ देवियां

नौ देवियों के रूप में नवमी के दिन व्रत का परायण करने से पहले नौ कन्याओं का पूजन करना चाहिए। ऐसा शास्त्रों में वर्णन मिलता है। ये नौ कन्याएं नौ देवियों का ही रूप हैं। हर कन्या एक देवी का रूप मानी जाती है। प्रत्येक कन्या का पूजन परोक्ष रु प से एक देवी का पूजन होता है। दो साल की बच्ची कुमारी, तीन साल की त्रिमूर्ति, चार साल की कल्याणी, पांच साल की रोहिणी, छह साल की कालिका, सात साल की चंडिका, आठ साल की शांभवी, नौ साल की दुर्गा और दस साल की सुभद्रा का स्वरूप मानी जाती है।

मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं सिद्धिदात्री

ज्योतिषाचार्य पं. मुकेश शास्त्री ने बताया कि नवरात्रि के आखिरी दिन मैया के मां सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा और अर्चना की जाती है। नवरात्रि के आखिरी दिन कन्या पूजन करने से मां सिद्धिदात्री प्रसन्न होती हैं। मान्यता है कि मां सिद्धिदात्री की विधिवत पूजा करने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे यश, बल और धन की प्राप्ति होती है। मां सिद्धिदात्री को सिद्धि और मोक्ष की देवी माना जाता है। 


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