साइबर शातिरों के गिरोह के सरगना को खोज रही अलीगढ़ पुलिस
क्वार्सी क्षेत्र के किशनपुर तिराहे के पास के एक नामी डाक्टर के बेटे संग हुई ठगी मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उन्होंने बीमा की प्रीमियम जमा करने के लिए आनलाइन प्लेटफार्म पर सर्च किया था। सर्च के दौरान बीमा कंपनी से मिलते- जुलते कई प्लेटफार्म सामने आ गए।
अलीगढ़, जेएनएन। शहर में आनलाइन इंश्योरेंस की किस्त जमा करने के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह के फरार सरगना को पुलिस खोज रही है। पुलिस इस मामले में चार सदस्यों को पकड़कर जेल भेज चुकी है। गिरोह के सदस्य बेरोजगार युवक-युवतियों को नौकरी का झांसा देकर ठगी करते थे और रुपयों को खाते में ट्रांसफर कराते थे।
डाक्टर के बेटे संग हुई थी ठगी
क्वार्सी क्षेत्र के किशनपुर तिराहे के पास के एक नामी डाक्टर के बेटे संग हुई ठगी मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उन्होंने बीमा की प्रीमियम जमा करने के लिए आनलाइन प्लेटफार्म पर सर्च किया था। सर्च के दौरान बीमा कंपनी से मिलते- जुलते कई प्लेटफार्म सामने आ गए। गलफत में सही प्लेटफार्म की जगह दूसरे प्लेटफार्म में डिटेल भर दी और 71 हजार की दो किस्तें आनलाइन जमा कर दीं। आरोप था कि बदले में इसकी कोई रिसीविंग नहीं मिलीं। उन्हें संदेह हुआ तो उन्होंने अंकित मोबाइल नंबरों पर काल किया तो उन्हें संतोषजनक जबाव नहीं मिला। अगले दिन उन्हें बीमा कंपनी के दफ्तर में खुद के ठगे जाने की जानकारी मिली।
नोएडा, गाजियाबाद से संचालित हो रहा था नेटवर्क
इंस्पेक्टर क्वार्सी छोटेलाल व सइबर सेल के प्रभारी राकेश कुमार की टीम ने मोबाइल लोकेशन व सीडीआर के आधार पर नोएडा के थाना सेक्टर 39 स्थित छलैरा सेक्टर 44 से पूरा नेटवर्क संचालित हो रहा था। पुलिस ने यहां के किरण चौहान, सिकंद्राराऊ (हाथरस) के पुरदिलनगर निवासी ऋषभ माहेश्वरी, ढ़ोलना (कासंगज) के फिरोजपुर सिंहोला निवासी दीपक कुमार, क्वार्सी के नगला तिकोना निवासी कु. वर्षा को गिरफ्तार कर लिया। आरोपितों से एक लैपटाप, 20 मोबाइल फोन, एक जीएसएम फिक्स वायरलेस फोन, एक अंगूठा लगाने की मशीन, 33 मोबाइल सिम कार्ड, नौ फर्जी आधार कार्ड, 15 एटीएम कार्ड अलग- अलग बैंकों से जुड़े, 2.90 लाख रुपये नकद भी बरामद हुए हैं।
करोड़ों रुपये की ठगी, खाते में रुपये ट्रांसफर
लोनी (गाजियाबाद) का मनीष इस गिरोह का सरगना है और वही काल सेंटर के रूप में संचालित करता था। मनीष ने बंगलूरू का आरबीएल बैंक का एक अकाउंट खोल रखा था उसी खाते में रुपये भेजता था और अब तक कई करोड़ रुपये इसी खाते में ट्रांसफर करा चुका है।
नौकरी के बहाने ठगी
साइबर अपराधी बेरोजगार युवकों को बीमा कंपनी में नौकरी दिलाने के नाम पर झांसा देने के साथ बीमा की किस्त जमा करने के नाम पर काल करते थे। किस्त या प्रोसेसिंग फीस के रूप में फर्जी नाम से बने वायलेट एकाउंट में रुपया ट्रासंफर कर उसी वायलेट से बंगलूरू के एकाउंट में रुपये ट्रांसफर कराते थे। खाते में अब तक कई करोड़ रुपये का लेन-देन किया गया है। आरोपित किरण चौहान व ऋषभ एक मोबाइल सिम कंपनी में नौकरी करते थे और मनीष को फर्जी आइडी पर सिम उपलब्ध कराते थे। लाकडाउन में कंपनी से नौकरी छूटी तो मनीष ने अपने काल सेंटर में उन्हें नौकरी दी थी।
फरार साइबर शातिरों के सरगना की तलाश के साथ ही पूरे नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। इसके लिए सर्विलांस सेल की भी मदद ली जा रही है।
-कुलदीप सिंह गुनावत, एसपी सिटी