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अलीगढ़ की प्लस प्वाइंट बिल्डस वेयर कंपनी ने तोड़ा चीन से रिश्ता

यह कंपनी फिडजी फ्रॉम प्लस प्वॉइंट ब्रांड के उत्पाद चीन के शेन्जेन सिटी स्थित पैन फ्लॉवर कंपनी से 2008 से आयात कर रही थी। फिडजी दिल्ली के कारोबारी रौनी और चीन के जैवी की पार्टनरशिप

By Mukesh ChaturvediEdited By: Published: Tue, 23 Jun 2020 11:51 PM (IST)Updated: Wed, 24 Jun 2020 09:46 AM (IST)
अलीगढ़ की प्लस प्वाइंट बिल्डस वेयर कंपनी ने तोड़ा चीन से रिश्ता
अलीगढ़ की प्लस प्वाइंट बिल्डस वेयर कंपनी ने तोड़ा चीन से रिश्ता

अलीगढ़ [मनोज जादौन] : चीन के बदलते तेवरों से अलीगढ़ के कारोबारी एक के बाद एक अपना रुख बदल रहे हैं। बिल्डिंग हार्डवेयर में रसूख रखने वाली 'प्लस प्वाइंट बिल्ड्स वेयर प्राइवेट लिमिटेडÓ  ने चीन से व्यापारिक रिश्ता तोड़ लिया है। कंपनी 20 करोड़ रुपये का सालाना आयात करती थी। अब हार्डवेयर उत्पाद यहीं फैक्ट्री में बनाना शुरू कर दिया गया है। 

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उत्‍पाद निर्माण की योजना पर काम शुरू

यह कंपनी फिडजी फ्रॉम प्लस प्वॉइंट ब्रांड के उत्पाद चीन के शेन्जेन सिटी स्थित पैन फ्लॉवर कंपनी से 2008 से आयात कर रही थी। फिडजी दिल्ली के कारोबारी रौनी और चीन के जैवी की पार्टनरशिप फर्म है। इस कंपनी को दरवाजे में लगाने वाली चटकनी, एलड्रोप,  डिंपल लॉक, पर्दे की रॉड, फर्नीचर फिटिंग आदि सौ उत्पाद का ऑर्डर दिया जाता था। वर्ष 2017 में डोकलाम प्रकरण के बाद से चीन से कारोबार समेटने का निर्णय प्लस प्वाइंट बिल्ड्स वेयर प्राइवेट लिमिटेड के मालिक राजीव अग्रवाल ने लिया। इन उत्पादों का निर्माण अलीगढ़ में कराने की योजना बनाकर काम शुरू कर दिया। अलीगढ़ के मैन्युफैक्चरर्स को कई बार चीन ले गए और वहां की तकनीक व मशीनों की जानकारी दिलाई। दूसरे मैन्युफैक्चरर्स के राजी न होने पर वर्ष 2018 में तालानगरी में एक और फैक्ट्री बना कर आधुनिक मशीन लगाईं। एक फैक्ट्री पला रोड पर पहले से ही है। दूसरी फैक्ट्री में उत्पादन शुरू होने के साथ ही चीन के कारोबारियों से दूरी बनाना शुरू कर दिया। इस साल 50 लाख रुपये का ऑर्डर शेष था, जिसकी सप्लाई के बाद चीन को भविष्य में कोई नया ऑर्डर न देने का फैसला कर लिया। 

विदेशी बाजार में है धाक 

बिल्डस वेयर प्राइवेट लिमिटेड की अब दो फैक्ट्री हैं। इनमें प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 500 लोगों को रोजगार मिलता है। दोनों फैक्ट्रियों में बिल्डिंग व फर्नीचर हार्डवेयर का उत्पादन होता है, जो अमेरिका सहित तमाम विकसित व खाड़ी देशों में निर्यात होता है। करीब 100 करोड़ रुपये का टर्नओवर है।  

विरासत में मिला कारोबार 

राजीव अग्र्रवाल को लॉक्स का काम  विरासत में मिला है। उनका परिवार जिले के कस्बा चंडौस से 1942 में यहां आकर बसा था। पिता पन्नालाल व ताऊजी हीरालाल अग्रवाल ने लुहार प्रक्रिया से तैयार पैडलॉक का निर्माण शुरू किया था। तब से कई फर्में बदलीं। 2008 में प्लस प्वाइंट बिल्ड्स वेयर प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की गई। तब चीन ने डिंपल्स चाबी वाले हार्डवेयर व लॉक बाजार में उतारे। तब पिन सिलेंडर की तकनीक की बढ़ती हुई लोकप्रियता चरम पर थी। इसके चलते प्लस प्वाइंट बिल्ड्स वेयर प्राइवेट लिमिटेड ने अपने उत्पाद को विदेशी बाजार में बनाए रखने के लिए चीन की तकनीक का सहारा लिया और हार्डवेयर के 100 आइटम का चीन से आयात शुरू कर दिया था। 

चीन से व्यापार समेटने में समय लगता है। अब पूरी तरह कारोबारी नाता तोड़ लिया है। चीन से तकनीक सीखी। आधुनिक प्लांट के बारे में जानकारी ली। एक और फैक्ट्री खरीदने के बाद उत्पादन क्षमता बढ़ाई।

राजीव अग्रवाल, निदेशक, प्लस प्वाइंट बिल्डस वेयर प्राइवेट लिमिटेड 


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