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Aligarh Panchayat Chunav Result : बहुमत से नहीं होते दूर पर अपनों ने ही कर दिया मजबूर

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आए नतीजों को भाजपाई पचा नहीं पा रहे हैं। पार्टी 13 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का आरोप है कि ये सीटें लापरवाही के चलते हाथ से चली गईं। जिले के कई वरिष्ठ नेताओं ने जानबूझकर हराया है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 10:35 AM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 10:35 AM (IST)
Aligarh Panchayat Chunav Result : बहुमत से नहीं होते दूर पर अपनों ने ही कर दिया मजबूर
जिले के कई वरिष्ठ नेताओं ने जानबूझकर हराया है।

अलीगढ़, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आए नतीजों को भाजपाई पचा नहीं पा रहे हैं। पार्टी 13 सीटों पर दूसरे नंबर पर रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का आरोप है कि ये सीटें लापरवाही के चलते हाथ से चली गईं। जिले के कई वरिष्ठ नेताओं ने जानबूझकर हराया है। वरिष्ठ नेताओं ने सीएम से लेकर संगठन महामंत्री को पत्र लिखकर स्थिति से अवगत भी कराया है।

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भाजपा का था यह दावा

पंचाायत चुनाव में भाजपा 25 से अधिक सीटें जीतने का दावा कर रही थी। इसी के अनुसार तैयारी और रणनीति भी बनाई गई थी। मगर, 47 में से सिर्फ नौ सीटें ही भाजपा जीत पाई। यह तब है जब मेयर को छोड़कर जिले की सभी सीटों पर भाजपा के जनप्रतिनिधि काबिज हैं। जनसंघ के समय से जुड़े नेताओं का आरोप है कि कुछ जनप्रतिनिधि और नेताओं ने हारने का काम किया है। टिकट वितरण तक में मनमानी की गई। इसी का परिणाम था कि 16 से अधिक पार्टी के कार्यकर्ता बागी हो गए और निर्दलीय चुनाव में उतर आए। इसके बाद भी पार्टी के नेता चेते नहीं, उन्होंने ईमानदारी से काम नहीं किया। इसका परिणाम रहा कि 13 सीटों पर पार्टी दूसरे नंबर पर रही। यदि ये सीटें जीत जाते तो 24 सीट हो जाती। जिससे फिर किसी अन्य की मदद की जरूरत नहीं पड़ती? यहां तक की बागियों का भी मान-मनौव्वल नहीं करना पड़ता।

2015 से बेहतर प्रदर्शन

जिलाध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह हालांकेि 2015 से अच्छा प्रदर्शन मान रहे हैं। उनका कहना है कि 2015 में जिले में 52 सीटें थीं, तब भाजपा छह पर विजयी रही थी, जबकि इस बार 47 सीटों में से नौ पर जीत दर्ज की है। मगर, 13 सीटों पर दूसरे नंबर का मलाल है।

जमीन खो देगी पार्टी

भाजपा के वरिष्ठ नेता गरुणयध्ज की अध्यक्षता में वर्चुअल मीटिंग हुई। गरुणध्वज ने कहा कि भाजपा शीर्ष पर है, मगर ऐसी स्थिति रही तो पार्टी फिर से जमीन पर आ जाएगी। इसलिए वरिष्ठ नेताओं को तुरंत संज्ञान लेना चाहिए और पार्टी विरोधी गतिविधियों में जो भी लिप्त हों उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि पूरा जीवन संगठन को समर्पित कर दिया है, बस प्राण-प्रण से यही इच्छा रहती है कि पार्टी शीर्ष पर रहे, मुझे कभी पद और प्रतिष्ठा की लालसा नहीं रही है। मीटिंग में सभी ने वरिष्ठ नेताओं ने पंचायत चुनाव में सीटें कम होने पर संगठन के वरिष्ठ नेताओं को मंथन करने को कहा है।


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