Aligarh Panchayat Election Result 2021: बसपा को अपना तिलस्म बचाने की होगी चुनौती
गांव की सरकार के लिए परिणाम अभी पूरी तरह से नहीं आए हैं। लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी किसे मिलेगी इस सवाल के जवाब का सभी को इंतजार है। बार-बार बदलते रुझान से राजनीतिक दलों में भी बेचैनी है।
अलीगढ़, जेएनएन। गांव की सरकार के लिए परिणाम अभी पूरी तरह से नहीं आए हैं। लेकिन, जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी किसे मिलेगी, इस सवाल के जवाब का सभी को इंतजार है। बार-बार बदलते रुझान से राजनीतिक दलों में भी बेचैनी है। लगातार तीन बार से जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में किंग मेकर की भूमिका में रही बसपा की तो प्रतिष्ठा ही दांव पर है। इस पार्टी के 44 समर्थित प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। अपना सियासी तिल्सम बचाने के लिए इस बार बसपा के सामने कड़ी चुनौती मानी जा रही है।
बसपा की रही अहम भूमिका
वर्ष 2005 में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए चुनाव हुआ था। यह सटी एससी महिला के लिए आरक्षित थी। पूर्व विधायक रामसखी कठेरिया जिला पंचायत अध्यक्ष बनीं। इसमेें उस दौर के बसपा के कद्दावर नेता व पूर्व मंत्री ठा. जयवीर सिंह की अहम भूमिका थी। वे 2017 के विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद मायावती शासन के दौरान 2010 में बसपा के सुधीर चौधरी जिला पंचायत अध्यक्ष बने थे। 2015 में ठा. जयवीर सिंह के भतीजे उपेंद्र सिंह नीटू अध्यक्ष बने। वे बसपा से जीते थे। इस बार बसपा अपने बूते पर चुनावी समर में उतरी है। 47 में से 44 वार्ड पर पार्टी ने अपने समर्थित प्रत्याशी उतारे हैं। इनमें पूर्व जिलाध्यक्ष गजराज सिंह विमल की पत्नी, भाजपा छोड़कर वापस आए संजय प्रधान सहित कई मजबूत प्रत्याशी भाजपा व रालोद को टक्कर दे रहे हैं।
-जिला पंचायत सदस्यों के नतीजों के बारे में अभी कुछ कहना जल्द बाजी होगी। 15 वार्डों पर हमारी लगातार बढ़त बनी हुई है। हमारे प्रत्याशियों ने सत्ताधारी पार्टी के प्रत्याशियों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
- रतनदीप सिंह, जिलाध्यक्ष, बसपा