अलीगढ़ के नर्सिंग होम पार्किंग का उपचार करने में हैं लाचार Aliagrh news
शहर के ज्यादातर अस्पतालों में नहीं है पार्किंग की सुविधा। रसूखदारों के असर से बेअसर हो रहे यातायात के कायदे-कानून।
अलीगढ़, जेएनएन : बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का दावा करने वाले नर्सिंग होम पार्किंग का इलाज नहीं तलाश पा रहे। अतिक्रमण की बीमारी से जूझ रहे शहर में नर्सिंग होम इसे और बढ़ा रहे हैं। कुछ को छोड़कर अधिकांश के पास खुद की पार्किंग नहीं है। मरीज व तीमारदार सड़क किनारे ही वाहनों को खड़ा कर देते हैं। एंबुलेंस भी सड़क पर ही खड़ी रहती हैैं। इससे जाम तो लगता ही है, दुर्घटनाओं की संभावना भी बनी रहती हैं। लेकिन रसूखदारों के असर से कार्रवाई बेअसर हो जाती है। सहायक नगर आयुक्त राजबहादुर सिंह का कहना है कि नर्सिंग होम या अन्य प्रतिष्ठान के बाहर फुटपाथ या सड़क पर वाहन खड़े मिलने पर शुल्क वसूला जाएगा।
लापरवाही बरतते हैं नर्सिंग होम संचालक
शहर के मुख्य मार्ग व गली-मोहल्लों में संचालित 350 नर्सिंग होम में ज्यादातर अतिक्रमण को बढ़ावा दे रहे हैं। पार्किंग को लेकर भी नर्सिंग होम संचालकों का रवैया लापरवाह है। पार्किंग के अभाव में मरीज व तीमारदार वाहनों को जहां-तहां खड़ा देते हैं। कुछ तो सड़क पर ही वाहन छोड़कर नर्सिंग होम में इलाज कराने पहुंच जाते हैं। फिर भी जिम्मेदार महकमें ध्यान नहीं दे रहे। जबकि नर्सिंग होम का नक्शा तभी पास किया जाता है, जब पार्किंग की जगह हो।
इन मार्गों पर निरंकुश नर्सिंग होम
रामघाट रोड पर कुछ को छोड़कर किसी नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक व पैथोलॉजी सेंटर में पार्किंग की सुविधा नहीं है। हाथरस अड्डे से सासनीगेट चौराहा और आगरा रोड पर सिंघल धर्मकांटा तक भी नर्सिंग होम में पार्किंग नहीं है। ऊपरकोट, खैर रोड, एटा चुंगी, मसूदाबाद, रसलगंज, दोदपुर, जमालपुर मार्गों पर संचालित नर्सिंग होम भी मानकों पर खरे नहीं उतर रहे।
ये हैं मानक
- नर्सिंग के होम के सामने कम से कम 12 मीटर चौड़ी सड़क।
- बेड की संख्या के आधार पर वाहन खड़ा करने की व्यवस्था।
- गली व सड़क पर पार्किंग की अनुमति नहीं।
- ट्रैफिक पुलिस पर अवैध पार्किंग में चालान करने का अधिकार।
- पार्किंग शुल्क के रूप में नगर निगम पर जुर्माना वसूलने का अधिकार।