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Aligarh Municipal Corporation: चार बार हो चुके एलईडी के टेंडर, मगर आगरा रोड पर पोल अभी भी सूने, जानिए क्या है मामला

नगर निगम में अनियमितताओं की हद देखिए। सड़कों को रोशन करने का दावा करने वाले नगर निगम अफसर 100 मीटर हाईवे के एक हिस्से को रोशन नहीं करा पा रहे। चार बार यहां एलईडी लगाने के टेंडर हो चुके हैं। लेकिन एक एलईडी नहीं लग सकी।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Published: Tue, 30 Nov 2021 02:49 PM (IST)Updated: Tue, 30 Nov 2021 02:49 PM (IST)
Aligarh Municipal Corporation: चार बार हो चुके एलईडी के टेंडर, मगर आगरा रोड पर पोल अभी भी सूने, जानिए क्या है मामला
नगर निगम के अफसर 100 मीटर हाईवे के एक हिस्से को रोशन नहीं करा पा रहे।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। नगर निगम में अनियमितताओं की हद देखिए। सड़कों को रोशन करने का दावा करने वाले नगर निगम के अफसर 100 मीटर हाईवे के एक हिस्से को रोशन नहीं करा पा रहे। चार बार यहां एलईडी लगाने के टेंडर हो चुके हैं। लेकिन, एक एलईडी नहीं लग सकी। अलीगढ़-आगरा हाईवे पर 100 पोल डिवाइडर पर बिना एलईडी के खड़े हैं। दो पोल तो उखड़ चुके। इन्हें भी ठीक नहीं कराया जा सका है। अधिकारियों का कहना है कि टेंडर प्रकिया में ही कुछ अड़चनों के चलते ठेका नहीं उठ सका।

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यह है मामला

अलीगढ़-आगरा हाईवे पर सासनीगेट चौराहे से रूसा हॉस्पिटल तक नगर निगम की सीमा है। इसी हिस्से में स्ट्रीट लाइट (एलईडी) लगाने के लिए 2017 में 1.20 करोड़ का टेंडर निकाला गया था। बाद में ये टेंडर रद कर 48 लाख रुपये का नया टेंडर निकाला गया, जिसमें सिर्फ पोल लगने थे। एलईडी टेंडर से हटा दी गई। पोल लगाने में भी दो साल बीत गए। आठ माह पहले ही यहां डिवाइडर पर 100 पोल लगाए गए हैं, लेकिन एलईडी न लग सकी। दो पोल वाहनों के टकराने से उखड़ गए, जिन्हें खड़ा नहीं किया जा सका है। शहर का प्रमुख हाईवे होने के चलते रात में भी यह व्यस्त रहता है। अंधेरे में वाहन चालकों को काफी दिक्कत होती है। हादसे की संभावना बनी रहती है।

टेंडर निरस्‍त

पूर्व नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने पथ प्रकाश विभाग के अधिकारियों को तलब कर हाईवे पर प्रकाश व्यवस्था की जानकारी लेकर तत्काल निविदा प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए थे। तब चौराहे से रूसा हास्पिटल तक 200 आर्नामेंटल एलईडी, 100 डिजाइनर आर्म व पोल पर पेंट कार्य कराने के लिए 65 लाख 46 हजार 400 रुपये का टेंडर निकाला गया था। एलईडी लगाने के लिए एक माह का समय निर्धारित किया गया। इस बात को भी छह माह बीत चुके हैं। वो टेंडर भी निरस्त हो गया। अब 35 लाख रुपये का नया टेंडर निकाला है, जिसमें सिर्फ एलईडी लगनी हैं। इस पर भी कुछ नहीं हो सका है।


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