Aligarh Municipal Corporation : बकाया जमा न हुआ तो डुग-डुगी बजाएगा नगर निगम
गृहकर वसूली पर जोर रहे नगर निगम ने बड़े बकाएदारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। डिमांड नोटिस देने पर भी बकाया जमा नहीं होता तो बकाएदारों के घर प्रतिष्ठानों के सामने डुग-डुगी बजाकर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।
अलीगढ़, जेएनएन। गृहकर वसूली पर जोर रहे नगर निगम ने बड़े बकाएदारों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। डिमांड नोटिस देने पर भी बकाया जमा नहीं होता तो बकाएदारों के घर, प्रतिष्ठानों के सामने डुग-डुगी बजाकर वसूली की कार्रवाई की जाएगी। यह व्यवस्था पिछले साल भी की गई थी, लेकिन इसकी नौबत नहीं आयी। हालांकि, कई दुकानों पर ताले जरूर डाल दिए गए। इसके बाद बकाएदारों ने बिल चुकाए।
68 बड़े बकायेदार
दरअसल, हर साल बकाएदारों की सूची लंबी हो जाती है। बकाएदारों में आम नागरिक, व्यापारियों, निजी अस्पतालों के अलावा बड़े शिक्षण संस्थान भी हैं। एएमयू पर ही करीब 14 करोड़ रुपये बकाया था। हाईकोर्ट तक लड़ाई लड़ने के बाद कुछ माह पूर्व ही एएमयू ने बकाया जमा कराया है। तब 68 बड़े बकाएदार चिह्नित किए गए थे। इन सभी के नाम सार्वजनिक किए गए। इन पर एक करोड़ 81 लाख 26 सौ 85 रुपये बकाया था। सभी को सामान्य नोटिस के बाद डिमांड नोटिस भी दिए गए। इसके बाद भी बकाया राशि जमा नहीं हो सकी। गृहकर में छूट भी दी गई थी। बकाया जमा करने के लिए कई गए इतने प्रयासों के बाद तीन दिन का अल्टीमेटम दिया गया। इसमें कहा गया था कि निर्धारित अवधि तक बकाया जमा नहीं हुआ तो बकाएदारों के आवास, प्रतिष्ठानों के सामने डुग-डुगी व मुनादी कराई जाएगी। भुगतान न करने या फिर संतोषजनक वजह न बताने पर उप्र नगर निगम अधिनियम के तहत खाता सीज करने व कुर्की की कार्रवाई भी होगी। निगम ने बड़े बकाएदारों की जो सूची जारी की थी, उनमें 40 हजार से लेकर 13 लाख रुपये तक के बकाएदार थे। नगर निगम की इस हिदायत के बाद बकाएदारों ने बकाया राशि जमा करना शुरू कर दिया। कोरोना संकट से पहले तो नगर निगम ने बकाएदारों की दुकानें तक सीज कर दी थीं। अब वही कार्रवाई फिर शुरू की जा रही है। देखना ये है कि इस हिदायत का नगर निगम को कितना लाभ मिल पाता है।