पीएम आवास योजना बनी भ्रष्टाचार का घर, डीएम ने निजी एजेंसी को हटाया
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में निजी एजेंसी पर अवैध वसूली की शिकायतों में कार्रवाई हो गई है। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने इस एजेंसी में लगे कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए हैं।
अलीगढ़ (जेएनएन)। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में सर्वे की जिम्मेदारी संभालने वाली निजी एजेंसी पर अवैध वसूली की शिकायतों में कार्रवाई हो गई है। डीएम चंद्रभूषण सिंह ने इस एजेंसी में लगे कर्मचारियों को हटाने के आदेश दिए हैं। अब लाभार्थियों के सर्वे की जिम्मेदारी डीएम वार में लगे कर्मचारियों को दी जाएगी। नगरीय निकाय के अफसरों को इसके लिए डीएम वार रूम को ही पासवर्ड देने के निर्देश दे दिए हैं।
2022 तक हर बेघर को देना है आवास
केंद्र सरकार ने 2022 तक सभी बेघरों को छत मुहैया कराने के लिए प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना संचालित कर रखी है। इसमें ग्राम पंचायत व निकाय दोनों में अलग-अलग विभागों से आवास आवंटित किए जा रहे हैं। निकायों में इस काम की जिम्मेदारी डूडा की है। एक आवास के लिए ढाई लाख रुपये की धनराशि मिलती है।
निजी कंपनी कर रखी है तय
विभागीय अफसरों ने इन लाभार्थियों के सर्वे कराने के लिए एसबीईएनजी के नाम की निजी कंपनी रख रखी है। इसके करीब 25 कर्मचारी लगे हुए हैं। इस कंपनी की कर्मचारी लाभार्थियों का चयन करने के साथ ही उनके निर्माण के हिसाब से किस्तें जारी करनी होती है। पिछले दिनों डीएम चंद्रभूषण सिंह के निर्देश पर करीब छह हजार लोगों के डीपीआर बनाई गई थी। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद इनकी पहली किस्त भी जारी कर दिया है।
वसूली का खेल शुरू
अब पहली किस्त से इन लाभार्थियों के आवास का फाउंडेशन तक का निर्माण पूरा हो गया है। ऐसे में अब इनकी दूसरी किस्त जारी होनी है। कंपनी के कर्मचारियों को इन लाभार्थियों के घर जाकर मकान मालिक के साथ निर्माण कार्य का फोटो अपलोड करना है। ऐसे में अब यह कर्मचारी इसी में खेल कर रहे हैं। वह लोगों से दूसरी किस्त जारी करने के नाम पर वसूली कर रहे हैं। इसके साथ ही नए लाभार्थियों के चयन में भी लोगों से पैसों की मांग हो रही है। पिछले काफी दिनों से डीएम को इसकी शिकायत मिल रही थी। ऐसे में अब सोमवार को डीएम ने इन कर्मचारियों को हटाने के आदेश जारी कर दिए हैं।